May 17, 2025

उत्तराखंड के त्रिस्तरीय पंचायतो में तैनात प्रशासकों के  कार्यकाल बढ़ने पर लगी पाबंदी, जल्द हो सकता है अध्यादेश जारी,,,,,

उत्तराखंड के त्रिस्तरीय पंचायतो में तैनात प्रशासकों के  कार्यकाल बढ़ने पर लगी पाबंदी, जल्द हो सकता है अध्यादेश जारी,,,,,

देहरादून: उत्तराखंड राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जाने की तैयारियां तेज हो गई है। हरिद्वार जिला छोड़ प्रदेश के 12 जिलों में पंचायतों का कार्यकाल बीते 28 नवंबर, 30 नवंबर और 1 दिसंबर को खत्म हो चुका है । लेकिन चुनाव नहीं हो पाने के चलते पंचायतों को प्रशासकों के हवाले कर दिया गया था। ऐसे में अब त्रिस्तरीय पंचायती में नियुक्त प्रशासकों का कार्यकाल मई माह
में समाप्त हो रहा है। लिहाजा अब राज्य सरकार, पंचायत में तैनात प्रशासकों का कार्यकाल बढ़ाने के पक्ष में नजर नहीं आ रही है। क्योंकि राज्य सरकार ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कराए जाने की दिशा में कदम आगे बढ़ाने की रणनीति तैयार कर ली है।

त्रिस्तरीय पंचायत का कार्यकाल समाप्त होने के बाद अभी तक चुनाव नहीं हो पाने की मुख्य वजह यही है कि पंचायतीराज एक्ट का संशोधन और ओबीसी आरक्षण का निर्धारण नहीं हो पाना। विभाग आला अधिकारियों को उम्मीद है कि अगले कुछ दिनों में ही राजभवन से पंचायती राज एक्ट और ओबीसी आरक्षण अध्यादेश को मंजूरी मिल जाएगी। राजभवन से ओबीसी आरक्षण अध्यादेश को मंजूरी मिलने के बाद आरक्षण की सूची तैयार करते हुए जिलाधिकारी की ओर से पंचायत के आरक्षण की सूची जारी की जाएगी। साथ ही जिलाधिकारी की ओर से आरक्षण सूची से संबंधित आपत्ती मांगते हुए उसका निस्तारण किया जाएगा। इसके बाद चुनाव की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।

दरअसल, पंचायतीराज अधिनियम में प्रावधान किया गया था कि 27 सितंबर 2019 के बाद जिसकी दो से ज्यादा संतान होंगी, वो पंचायत चुनाव नहीं लड़ सकेगा। इस प्रावधान के बाद मामला न्यायालय में पहुंचा। इसके बाद न्यायालय ने जुड़वा संतान को इकाई संतान मानने संबंधित आदेश दिए थे। इसके बाद शासन ने भी आदेश जारी कर दिए लेकिन इसमें कट ऑफ डेट 25 जुलाई 2019 अंकित था। जिसके चलते एक विरोधाभास की स्थिति उत्पन्न हुई। जिसमें संशोधन किए जाने को लेकर सरकार ने निर्णय लिया था। ऐसे में पंचायती राज विभाग ने अधिनियम में संशोधन कर प्रस्ताव शासन को भेजा था जिसके बाद इस अध्यादेश को राजभवन भेजा गया अब जल्द ही राजभवन से इसकी मंजूरी मिलने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

वही, इस पूरे मामले पर पंचायती राज सचिव चंद्रेश यादव ने कहा कि पंचायती राज व्यवस्था में निर्वाचन की तैयारियां चल रही है। सरकार के स्तर से चुनाव की तैयारियां पूरी है। पंचायती राज अधिनियम के तहत चुनाव कराया जाना है जिसके संशोधन अध्यादेश को राज्यपाल की मंजूरी के लिए राजभवन भेजा जा चुका है। ऐसे में राजभवन से अध्यादेश पर मंजूरी मिलने के बाद चुनाव संबंधित प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जायेगा।

दरअसल इस समय चारधाम की यात्रा चल रही है और चार धाम यात्रा की व्यवस्था में गढ़वाल का पूरा सरकारी तंत्र जुटा हैं। इसके साथ ही आपदा को देखते हुए भी चुनाव की तैयारी विभाग को करनी है। ऐसे में इन पहलुओं को ध्यान में रखते हुए चुनाव की तैयारियां की जा रही है।

गौरतलब है कि पंचायतों का कार्यकाल 28 नवंबर, 30 नवंबर और 1 दिसंबर को समाप्त हो गया था। लेकिन चुनाव नहीं हो पाने की स्थिति में उत्तराखंड शासन की ओर से पंचायत में प्रशासक तैनात कार्ल दिए गए थे। ऐसे में 27 मई को ग्राम पंचायतों, 29 मई को क्षेत्र पंचायत प्रमुखों और एक जून को जिला पंचायतों के प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त हो रहा है। जिसके सवाल पर पंचायती राज सचिव चंद्रेश यादव ने बताया कि पंचायतों के प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त होने से पहले ही निर्वाचन की प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी की जा रही है। ऐसे में सरकार की कोशिश है कि प्रशासकों का कार्यकाल समाप्त होने से पहले चुनाव संबंधित नोटिफिकेशन की कार्रवाई को कर लिया जाए।

पंचायत व्यवस्था के मौजूदा प्रशासकों का कार्यकाल अब आगे नहीं बढ़ाया जाएगा। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अब त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव जल्द ही हो पाएंगे और जल्द ही अध्यादेश में संशोधन की प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी अब देखना होगा कि प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव कि आखिर कौन सी तिथि फाइनल हो पाएगी ?

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