उत्तर प्रदेश में बिजली सेक्टर के निजीकरण के लिए प्रयास तेज, उत्तराखंड में निजीकरण के विरोध में एसोसिएशन ने 9 जुलाई को ने किया हड़ताल का ऐलान……
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देहरादून: यूपी में बिजली सेक्टर के निजीकरण के लिए बढ़े कदम, उत्तराखंड में विरोध तेज; नौ जुलाई को हड़ताल का एलान। उत्तर प्रदेश में विद्युत वितरण निगमों के निजीकरण के विरोध में उत्तराखंड पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन ने देहरादून में प्रदर्शन किया।
अभियंताओं ने निजीकरण को आम जनता के खिलाफ बताया और चेतावनी दी कि इससे गरीब उपभोक्ताओं पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। उन्होंने सरकार पर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने का आरोप लगाया और नौ जुलाई को हड़ताल की घोषणा की। उनका कहना है कि निजीकरण के बाद बिजली महंगी हो जाएगी।
उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगमों के प्रस्तावित निजीकरण के खिलाफ उत्तराखंड के बिजली कार्मिक भी मुखर हो गए हैं। उत्तराखंड पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन के बैनर तले देहरादून में अभियंताओं ने जोरदार प्रदर्शन किया।
प्रदर्शन नेशनल कोऑर्डिनेशन कमेटी ऑफ इलेक्ट्रिसिटी इंप्लाइज एंड इंजीनियर्स के आह्वान पर किया गया, जो देशभर में निजीकरण के विरोध में चल रहे आंदोलन का हिस्सा है। इसी के तहत संगठन ने आगामी नौ जुलाई को हड़ताल का एलान किया है।
बुधवार को उत्तराखंड के अभियंताओं ने इस फैसले को बिजली क्षेत्र में आम जनता के खिलाफ बताया और चेतावनी दी कि यदि निजीकरण लागू हुआ तो इससे गरीब उपभोक्ताओं को भारी आर्थिक बोझ उठाना पड़ेगा।
आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेंद्र दुबे और महासचिव पी रत्नाकर राव ने उत्तर प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि घाटे के भ्रामक आंकड़ों का हवाला देकर निजी कंपनियों को फायदा पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार के विभागों पर 14 हजार चार सौ करोड़ रुपये का बकाया बिजली बिल है, जिसे छुपाकर निजीकरण को तर्कसंगत दिखाया जा रहा है।
प्रदर्शनकारियों का कहना था कि निजीकरण के बाद सब्सिडी खत्म हो जाएगी और उपभोक्ताओं को 10 से 12 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली खरीदनी पड़ेगी। इसका सीधा असर निम्न और मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं पर पड़ेगा, जिन्हें मजबूर होकर लालटेन युग में लौटना पड़ सकता है।
देहरादून में हुए प्रदर्शन में उत्तराखंड पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विवेक राजपूत, अभियंता जसवंत सिंह, एनएस बिष्ट, उपाध्यक्ष सौरभ पांडे, मोहित डबराल, प्रदीप पंत, बृजेश यादव, सुभाष कुमार, धनंजय कुमार आदि उपस्थित रहे।

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