July 21, 2025

उत्तराखंड स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रदेश के सिर्फ पांच निकायों में कूड़े के ढेरो में थोड़ी राहत, बाकी निकाए कूड़े के कारण हुए ढेर,,,,,,

उत्तराखंड स्वच्छता सर्वेक्षण में प्रदेश के सिर्फ पांच निकायों में कूड़े के ढेरो में थोड़ी राहत, बाकी निकाए कूड़े के कारण हुए ढेर,,,,,,

देहरादून: स्वच्छता सर्वेक्षण के आंकड़ों ने उत्तराखंड के नगर निकायों की स्वच्छता के प्रति गंभीरता की परतें खोल दीं। सबसे बड़े देहरादून नगर निगम से लेकर ज्यादातर निगम शहरों में कूड़े के ढेर से मुक्ति नहीं दिला पाए।

उत्तराखंड के 107 में से केवल पांच नगर निकाय ही ऐसे हैं, जो कि स्वच्छता सर्वेक्षण के तहत गार्बेज फ्री सिटी (जीएफसी) श्रेणी में एक स्टार के साथ पास हुए। बाकी देहरादून समेत 102 नगर निकाय शहर को कचरा मुक्त करने में बुरी तरह विफल हुए हैं।

बृहस्पतिवार को जारी हुए स्वच्छता सर्वेक्षण के आंकड़ों ने उत्तराखंड के नगर निकायों की स्वच्छता के प्रति गंभीरता की परतें खोल दीं। सबसे बड़े देहरादून नगर निगम से लेकर ज्यादातर निगम शहरों में कूड़े के ढेर से मुक्ति नहीं दिला पाए। इसकी पुष्टि जीएफसी श्रेणी की स्टार रेटिंग से हो रही है।पिछले साल देहरादून नगर निगम को जीएफसी में तीन स्टार इसलिए मिले थे क्योंकि शहर में सड़क किनारे लगे डस्टबिन हटाए गए थे। लेकिन इस बार शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेर की वजह से एक स्टार भी नहीं मिल पाया।

इस साल नगर पंचायत लालकुआं, नगर निगम रुद्रपुर, नगर पालिका डोईवाला, नगर पालिका विकासनगर और नगर पंचायत नानकमत्ता को जीएफसी में एक स्टार की रेटिंग मिली है। मानकों के हिसाब से एक स्टार के लिए कचरा मुक्त शहर श्रेणी में कम से कम 40 प्रतिशत काम किया जाना जरूरी है। इन पांचों निकायों ने अपने शहरों को कम से कम 40 फीसदी कचरा मुक्त कर दिया है।

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