September 15, 2025

उत्तराखंड प्रधानाचार्य सीधी भर्ती नियमावली पर हंगामा,राजकीय शिक्षक संघ ने विरोध मे 13 जनपदों में नियमावली प्रतियां गंगा में की प्रवाहित,,,,

उत्तराखंड प्रधानाचार्य सीधी भर्ती नियमावली पर हंगामा, राजकीय शिक्षक संघ ने विरोध मे 13 जनपदों में नियमावली प्रतियां गंगा में की प्रवाहित,,,,

देहरादून- राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड ने प्रधानाचार्य सीधी भर्ती नियमावली के विरोध में शनिवार को राज्यभर के 13 जनपदों में अनोखा और प्रतीकात्मक विरोध दर्ज कराया। संघ के सदस्यों ने नियमावली की प्रतियों का विधिवत तर्पण कर उन्हें माँ गंगा समेत अन्य पवित्र नदियों में प्रवाहित किया। इस कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षकों ने सरकार को यह स्पष्ट संदेश दिया कि जब तक उनकी न्यायोचित मांगों का समाधान नहीं होता, तब तक असहयोग आंदोलन जारी रहेगा।

🔴हरिद्वार चंडीघाट से टिहरी तक उठी आवाज🔴

टिहरी सहित अन्य जनपदों में आयोजित इस तर्पण कार्यक्रम में बड़ी संख्या में शिक्षक शामिल हुए। हरिद्वार के चंडीघाट पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम में प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान, मंडलीय अध्यक्ष श्याम सिंह सरियाल, मंत्री डॉ. हेमंत पैन्यूली, टिहरी से डॉ. बुद्धि भट्ट व लक्ष्मण सजवाण, देहरादून से कुलदीप कंडारी, अर्जुन पंवार, चंडी नौटियाल, अरविंद कोठियाल, ममराज चौहान, संजय ममगांई, अनिल कुकरेती और अन्य शिक्षक नेता शामिल रहे।

🔴संकल्प के साथ तर्पण, आंदोलन को आगे बढ़ाने का एलान🔴

तर्पण कार्यक्रम केवल विरोध का प्रतीक नहीं रहा, बल्कि इसे एक संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया। शिक्षकों ने गंगा तट पर सामूहिक रूप से यह संकल्प लिया कि जब तक सीधी भर्ती नियमावली को वापस नहीं लिया जाता या संशोधित नहीं किया जाता, तब तक उनका असहयोग आंदोलन चरणबद्ध रूप से चलता रहेगा।

🔴17 सितंबर को सीएम आवास कूच का आह्वान🔴

संघ ने आगामी 17 सितंबर को मुख्यमंत्री आवास की ओर कूच का आह्वान किया है। संघ पदाधिकारियों का कहना है कि यदि सरकार ने तब तक कोई सकारात्मक निर्णय नहीं लिया, तो यह आंदोलन और व्यापक रूप लेगा।

 🔴आखिर क्या है मामला?🔴

शिक्षक संघ का कहना है कि वर्तमान प्रधानाचार्य सीधी भर्ती नियमावली वरिष्ठता और अनुभव की अनदेखी करती है, जिससे वर्षों से सेवा दे रहे शिक्षकों में भारी आक्रोश है। उनका मानना है कि पदोन्नति आधारित प्रणाली को दरकिनार कर सीधी भर्ती करना न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि इससे शिक्षकों का मनोबल भी टूटता है।

राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड द्वारा सीधी भर्ती नियमावली के खिलाफ किया गया गंगा तर्पण विरोध एक अनोखा उदाहरण है, जिसमें सांस्कृतिक प्रतीकों के माध्यम से अपनी बात मजबूती से सामने रखी गई है। अब सबकी निगाहें 17 सितंबर के प्रस्तावित आंदोलन पर टिकी हैं, जो राज्य सरकार के लिए एक बड़ी परीक्षा साबित हो सकता है।

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