April 20, 2025

उत्तराखंड आगामी कुंभ 2027 के लिए 7 दिनो में नोडल अधिकारी  करें नामित, समितियां बनाएं, मुख्य सचिव ने दिए दिशा निर्देश,,,,,

उत्तराखंड आगामी कुंभ 2027 के लिए 7 दिनो में नोडल अधिकारी  करें नामित, समितियां बनाएं, मुख्य सचिव ने दिए दिशा निर्देश,,,,,

देहरादून: कुंभ 2027 को लेकर मुख्य सचिव ने कार्यदायी विभागों को निर्देश दिए। कहा कि कुंभ 2027 के लिए सात दिन में नोडल अधिकारी नामित करें और समितियां बनाएं।

मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने कुंभ 2027 के लिए सात दिन के भीतर सभी कार्यदायी विभागों के नोडल अधिकारी नामित करने और समितियों व उपसमितियों का गठन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कार्यदायी विभागों को कहा कि वे कुंभ से संबंधित प्रस्ताव आंकलन तैयार कर केंद्र सरकार को भेज दें।

उन्होंने जिलाधिकारी हरिद्वार को संबंधित विभागों के साथ शीघ्र बैठक आयोजित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कुंभ 2027 के तहत शाही स्नान वाले विशेष दिवसों पर श्रद्धालुओं की अधिकतम संख्या का आंकलन करते हुए कार्य योजना तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कनेक्टिविटी बढ़ने से श्रद्धालुओं की संख्या में अत्यधिक वृद्धि होने की संभावना है।

उन्होंने इसके अनुरूप श्रद्धालुओं संख्या का आंकलन करते हुए पार्किंग एवं ट्रैफिक मूवमेंट योजना तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने इसके लिए विशेषज्ञों से आंकलन कराए जाने के उपरांत योजनाएं तैयार कराने को कहा। उन्होंने नए पार्किंग स्थल चिन्हित किए जाने के साथ ही पुराने पार्किंग स्थलों की क्षमता बढ़ाए जाने के भी निर्देश दिए।

हरिद्वार क्षेत्र में ऑडिटोरियम और सांस्कृतिक केंद्र बनाए जाएं
मुख्य सचिव ने कहा कि हरिद्वार कुंभ मेला, कांवड़ यात्रा एवं अन्य धार्मिक आयोजनों के लिए अत्यधिक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है। इसके लिए मूलभूत ढांचों को मजबूत किए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि दीर्घकालीन योजना के अंतर्गत स्थायी प्रकृति के कार्यों को ध्यान में रखा जाए। उन्होंने हरिद्वार क्षेत्र में ऑडिटोरियम और सांस्कृतिक केंद्र बनाए जाने के भी निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को कुंभ क्षेत्र सहित अन्य उपयोगी स्थानों का स्थलीय निरीक्षण कर कार्य योजनाएं तैयार किए जाने को भी कहा।

अनिवार्य कार्यों की सूची तैयार कर लें
मुख्य सचिव ने कुंभ के लिए अनिवार्य कार्यों की सूची तैयार किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा ऐसे कार्य जिन्हें अनिवार्य रूप से कराया जाना है, उनकी तैयारी पूर्व से ही कर ली जाए। साथ ही तत्काल शुरू किए जाने वाले कार्यों की सूची भी तैयार कर इनकी डीपीआर एवं आकलन सहित अन्य तैयारियां पूर्व में ही सुनिश्चित कर ली जाएं, ताकि स्वीकृति मिलते ही कार्य शुरू कराए जा सकें।

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