उत्तराखंड, बढ़ती रिश्वतखोरी पर चिंता, जनता से अपील “घूस मांगने वालों की नीडरता से करें शिकायत” भ्रष्टाचार निरोधक शाखा देहरादून ने जारी किए हेल्पलाइन नंबर- ABPINDIANEWS SPACIAL

देहरादून: देश के सरकारी दफ्तरों, बैंकों और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में रिश्वतखोरी के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के अनुसार भारत का कॉरप्शन परसेप्शन इंडेक्स 2024 में 38/100 है और देश 180 देशों में 96वें स्थान पर है। यह दर्शाता है कि व्यवस्था में पारदर्शिता बढ़ने के बावजूद घूसखोरी की प्रवृत्ति अभी भी व्यापक है।
केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) के आंकड़ों के अनुसार साल 2023 में 74,203 भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतें दर्ज की ग
ईं, जिनमें से 7,830 मामलों की जांच अभी लंबित है। इनमें सर्वाधिक शिकायतें रेलवे, बैंकिंग सेक्टर, लोक निर्माण विभाग और नगर निकायों से संबंधित रहीं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा भ्रष्टाचार पर किए गए प्रयास
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में पारदर्शी, जवाबदेह और ईमानदार शासन व्यवस्था स्थापित करने के लिए भ्रष्टाचार के विरुद्ध कड़े कदम उठाए हैं। उन्होंने जीरो टॉलरेंस ऑन करप्शन की नीति अपनाते हुए स्पष्ट संदेश दिया है कि किसी भी स्तर पर भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
राज्य सरकार ने विभिन्न विभागों में ई-गवर्नेंस, ऑनलाइन टेंडरिंग सिस्टम, ट्रांसफर-पोस्टिंग में पारदर्शिता और डिजिटल भुगतान प्रणाली को बढ़ावा देकर रिश्वतखोरी की संभावनाओं को कम किया है। मुख्यमंत्री के निर्देश पर भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (CBI, विजिलेंस) की कार्यवाही तेज की गई है, जिसके तहत कई अधिकारी और कर्मचारी कार्रवाई के दायरे में आए हैं।
इसके साथ ही मुख्यमंत्री धामी ने आम जनता से भी अपील की है कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी या अधिकारी रिश्वत मांगता है, तो उसकी शिकायत तुरंत भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसियों को दें।
जनता के लिए जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर 
वही भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसियों ने जनता से अपील की है कि यदि कोई सरकारी अधिकारी या कर्मचारी अपने कार्य निष्पादन के बदले रिश्वत या घूस मांगता है, तो उसकी शिकायत तुरंत दर्ज कराएं।
शिकायत करने के लिए संपर्क करें –

सीबीआई, भ्रष्टाचार निरोधक शाखा, देहरादून
मोबाइल नंबर: 94105 49158, 70603 66445 (WhatsApp / SMS / Call)
फोन: 0135-2761799
फैक्स: 0135-2761100
ई-मेल: [email protected]
यह शिकायतें सीधे केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) तक भेजी जा सकती हैं ताकि संबंधित अधिकारी पर त्वरित कार्रवाई की जा सके।
सीबीआई और राज्य विजिलेंस की सक्रियता

उत्तराखंड में वर्ष 2000 से अब तक 339 सरकारी अधिकारी-कर्मचारी भ्रष्टाचार के मामलों में गिरफ्तार किए जा चुके हैं।
बिहार विजिलेंस ब्यूरो ने सिर्फ पाँच महीनों में 34 अधिकारियों पर केस दर्ज किया।
मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में बीते वर्ष 1000 से अधिक ट्रैप केस सामने आए।
एनसीआरबी 2024 रिपोर्ट के अनुसार पारंपरिक भ्रष्टाचार मामलों में 1.7% कमी, जबकि ऑनलाइन भ्रष्टाचार और डिजिटल घूसखोरी में 31% वृद्धि दर्ज की गई है।
विशेषज्ञों की राय 

भ्रष्टाचार पर अंकुश के लिए सिर्फ कानून नहीं, बल्कि जनसहभागिता और तकनीकी पारदर्शिता भी जरूरी है।
विशेषज्ञों का कहना है कि “ई-गवर्नेंस” और “डिजिटल अनुमोदन प्रक्रिया” को बढ़ावा देकर घूसखोरी के अवसरों को सीमित किया जा सकता है, बशर्ते इन प्रणालियों की निरंतर निगरानी होती रहे।
“भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई तभी सफल होगी जब जनता, मीडिया और जांच एजेंसियां एकजुट होकर आवाज उठाएँ।
हर नागरिक यदि रिश्वत देने से इंकार करे और शिकायत दर्ज कराए, तो यह एक बड़ी सुधार यात्रा की शुरुआत माना जा सकता है” – गौरव चक्रपाणी
Disclaimer: यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी, मीडिया रिपोर्ट्स, और संबंधित संस्थाओं के डेटा पर आधारित है। इसमें उल्लिखित विभागों के बारे में दी गई जानकारी जनता की शिकायतों और विभिन्न रिपोर्टों पर आधारित है। लेख का उद्देश्य केवल जानकारी प्रदान करना है और किसी भी विभाग या संस्था पर व्यक्तिगत या निंदात्मक आरोप लगाना नहीं है।

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