September 13, 2025

उत्तराखंड में अतिक्रमण हटाने को लेकर सरकार ने जारी की नई SOP, 15 दिनो पूर्व नोटिस देना होगा अनिवार्य, पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर,,,,

उत्तराखंड में अतिक्रमण हटाने को लेकर सरकार ने जारी की नई SOP, 15 दिनो पूर्व नोटिस देना होगा अनिवार्य, पारदर्शिता और जवाबदेही पर जोर,,,,

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य में अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, जवाबदेह और कानूनी दायरे में लाने के लिए एक मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) जारी कर दी है। लंबे समय से चल रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान के बीच यह कदम बेहद अहम माना जा रहा है। नई SOP के अनुसार, किसी भी अतिक्रमण को हटाने से पहले संबंधित पक्ष को 15 दिन पूर्व नोटिस देना अनिवार्य होगा। यह नोटिस कोड डाक से भेजने के साथ ही संबंधित संपत्ति पर चस्पा किया जाएगा और उसकी सूचना जिलाधिकारी कार्यालय को भी दी जाएगी।

प्रत्येक जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाएगा, जो पूरी प्रक्रिया की निगरानी करेगा। सबसे खास बात यह है कि इस अभियान की हर कार्रवाई की वीडियोग्राफी की जाएगी और मौके पर मौजूद सभी अधिकारियों व कर्मचारियों का विवरण दर्ज किया जाएगा। साथ ही, ध्वस्तीकरण आदेश के बाद कब्जेदार को 15 दिन का समय स्वयं अतिक्रमण हटाने के लिए दिया जाएगा, सिवाय उन मामलों के जो न्यायालय में विचाराधीन हैं या जिन पर स्थगन आदेश लागू है।

सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि यदि किसी मामले में अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई गलत पाई जाती है या कोर्ट से पहले ही स्थगन आदेश प्राप्त हो, तो उस स्थिति में संबंधित अधिकारी व्यक्तिगत रूप से उत्तरदायी होगा। उसे न केवल तोड़े गए निर्माण का मुआवजा देना होगा, बल्कि पुनर्निर्माण का खर्च भी उठाना पड़ेगा।

शहरी विकास विभाग के अपर सचिव संतोष बडोनी ने बताया कि यह SOP न्यायालय के निर्देशों और वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है। साथ ही, आने वाले तीन महीनों में एक डिजिटल पोर्टल भी तैयार किया जाएगा, जहां इस संबंध में सभी जानकारियां अपलोड की जाएंगी और अपील की प्रक्रिया भी ऑनलाइन की जा सकेगी।

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