उत्तराखंड में चारधाम यात्रा 2026 से पहले केदारनाथ हेली सेवा कों लेकर प्रशासन अलर्ट, आगामी वर्ष मे नए सिरे से होगी टेंडर प्रक्रिया,,,,
देहरादून: भले ही चारधाम यात्रा 2026 की औपचारिक तैयारियां अगले वर्ष शुरू हों, लेकिन केदारनाथ धाम की यात्रा को लेकर प्रशासन ने अभी से तैयारी का खाका खींचना शुरू कर दिया है। कपाट बंद होने के बाद अब आगामी यात्रा सीजन को ध्यान में रखते हुए व्यवस्थाओं की समीक्षा की जा रही है। इसी क्रम में केदारनाथ के लिए संचालित होने वाली हेली सेवा को लेकर एक बार फिर नई प्रक्रिया अपनाने की तैयारी की जा रही है।
केदारनाथ हेली सेवा के लिए पूर्व में किए गए अनुबंध की अवधि पूरी हो चुकी है। वर्ष 2023 में जिन हेलीकॉप्टर कंपनियों के साथ करार हुआ था, उनका पैनल अब समाप्त हो गया है। उस समय लगभग नौ हेली कंपनियां केदारनाथ धाम के लिए उड़ान सेवाएं दे रही थीं। इन सेवाओं की निगरानी उत्तराखंड नागरिक उड्डयन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) और रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन द्वारा की जाती थी। अब आगामी यात्रा सीजन को देखते हुए एक बार फिर टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
केदारनाथ धाम की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए हेली सेवा श्रद्धालुओं के लिए बेहद अहम मानी जाती है। धाम तक पहुंचने के लिए लंबा और कठिन पैदल मार्ग तय करना पड़ता है, जो हर किसी के लिए आसान नहीं होता। ऐसे में बुजुर्गों, बच्चों और स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे श्रद्धालुओं के लिए हेलीकॉप्टर सेवा बड़ी राहत साबित होती है। यही वजह है कि हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु हवाई मार्ग से बाबा केदार के दर्शन करते हैं। इस वर्ष करीब डेढ़ लाख श्रद्धालुओं ने हेली सेवा के माध्यम से केदारनाथ यात्रा की।
हेली सेवा से जुड़ा आर्थिक पहलू भी खासा महत्वपूर्ण है। यात्रा सीजन के दौरान हेलीकॉप्टर कंपनियों का कुल कारोबार 50 करोड़ रुपये से अधिक का होता है। मुनाफे की इस बड़ी संभावना के चलते कई कंपनियां इस सेवा से जुड़ने की कोशिश करती हैं। ऐसे में सरकार और यूकाडा की जिम्मेदारी बढ़ जाती है कि पारदर्शी टेंडर प्रक्रिया के तहत निर्धारित मानकों और उचित दरों पर कंपनियों का चयन किया जाए।
सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी केदारनाथ हेली सेवा को हमेशा संवेदनशील माना गया है। बीते वर्षों में हुई कुछ दुर्घटनाओं के बाद नियमों को और अधिक सख्त किया गया है। मौसम की स्थिति, तकनीकी जांच, उड़ान समय और टिकटिंग व्यवस्था पर विशेष निगरानी के निर्देश दिए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं की सुरक्षा में किसी भी तरह की लापरवाही न हो।
आमतौर पर केदारनाथ यात्रा अप्रैल माह से आरंभ होती है। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि मार्च तक हेली सेवा के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी, जिससे यात्रा शुरू होने से पहले सभी व्यवस्थाएं सुचारु रूप से लागू की जा सकें।


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