November 12, 2025

उत्तराखंड कम होने का नाम नहीं ले रही चुनौतियां, नदी में उतरकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सिलिंडर पहुंचाना बना बड़ी मुसीबत,,,,

उत्तराखंड कम होने का नाम नहीं ले रही चुनौतियां, नदी में उतरकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों में सिलिंडर पहुंचाना बना बड़ी मुसीबत,,,,

उत्तरकाशी: खीर गंगा के मलबे में दबे लोगों का पता नहीं चल पाया है। सर्च टीमें आधुनिक उपकरणों और स्निफर डॉग्स की मदद से लगातार तलाशी अभियान चला रही हैं लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।

धराली में आई आपदा के 10 दिन बाद भी गांव में चुनौतियां बरकरार हैं। आपदा प्रभावित क्षेत्रों तक जरूरी सामान पहुंचाने में भारी मुश्किलें आ रही हैं। मुखबा-धराली को जोड़ने वाला पुल क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण मजदूर अपनी जान जोखिम में डालकर भागीरथी नदी के बीच से रस्सी के सहारे रसोई गैस सिलिंडर और अन्य सामग्री पहुंचा रहे हैं।

आपदा के बाद से धराली गांव में स्थिति जस की तस है। ग्रामीण अभी तक सदमे में हैं और अपनी दिनचर्या मंदिर के आंगन और मलबे के पास बैठकर गुजार रहे हैं। आपदा का मंजर याद कर महिलाएं भावुक हो रही हैं। प्रशासन की ओर से प्रभावित लोगों तक खाद्य सामग्री और राहत सामग्री लगातार पहुंचाई जा रही है।

इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की टीम भी ग्रामीणों का स्वास्थ्य जांच रही है। खीर गंगा के मलबे में दबे लोगों का पता नहीं चल पाया है। सर्च टीमें आधुनिक उपकरणों और स्निफर डॉग्स की मदद से लगातार तलाशी अभियान चला रही हैं लेकिन अभी तक कोई सफलता नहीं मिली है।

हाईवे खोलने में बाधा
सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) गंगोत्री हाईवे को खोलने का प्रयास कर रहा है, लेकिन रात में होने वाली बारिश के कारण खीर गंगा का जलस्तर बढ़ जाता है, जिससे मरम्मत का काम बार-बार बाधित हो रहा है। इसके बावजूद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लापता लोगों की तलाश में जुटी हुई हैं।

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