June 13, 2025

उत्तराखंड केंद्र की तर्ज पर पैरामेडिकल विषयों के लिए अब होगा एकीकृत पाठ्यक्रम, छात्रों को देश भर में नौकरी के मिलेंगे अवसर,,,

उत्तराखंड केंद्र की तर्ज पर पैरामेडिकल विषयों के लिए अब होगा एकीकृत पाठ्यक्रम, छात्रों को देश भर में नौकरी के मिलेंगे अवसर,,,

देहरादून: केंद्र की तर्ज पर उत्‍तराखंड में पैरामेडिकल विषयों के लिए अब एकीकृत पाठ्यक्रम, किसी भी राज्य में दे सकेंगे सेवा
उत्तराखंड में पैरामेडिकल विषयों के लिए एकीकृत पाठ्यक्रम शुरू किया गया है। इसके तहत 10 श्रेणियों में 56 व्यावसायिक उपाधियों को मान्यता मिलेगी। इससे राज्य के छात्रों को देश भर में नौकरी के अवसर मिलेंगे क्योंकि उनकी डिग्री और डिप्लोमा हर राज्य में मान्य होंगे। यह फैसला राज्य संबद्ध और स्वास्थ्य देखभाल परिषद के गठन के बाद लिया गया है।

प्रदेश में अब सभी पैरामेडिकल विषयों के लिए एकीकृत पाठ््यक्रम होगा। इसके तहत 10 श्रेणियों में 56 व्यावसायिक उपाधियों को मान्यता प्रदान की जाएगी। इसका फायदा यह होगा कि प्रदेश में इन पाठ्यक्रमों पर डिप्लोमा या डिग्री हासिल करने वाले युवा केंद्रीय सेवाओं के साथ ही देश के किसी भी राज्य में जाकर अपनी सेवाएं दे सकेंगे।

ये डिग्री और डिप्लोमा हर राज्य में मान्य होंगे। अभी तक ऐसा नहीं हो पा रहा था। इसके लिए राज्य में स्टेट एलाइड एंड हेल्थ केयर कमीशन यानी राज्य संबद्ध और स्वास्थ्य देखभाल परिषद के गठन को कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान कर दी है।

बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में राज्य संबद्ध और स्वास्थ्य देखभाल परिषद का विषय लाया गया। केंद्र सरकार ने वर्ष 2021 में नेशनल कमीशन फार एलाइड एंड हेल्थकेयर प्रोफेशन्स एक्ट लागू किया था। इस एक्ट के अनुसार हर राज्य को अपने यहां राज्य संबद्ध और स्वास्थ्य देखभाल परिषद का गठन करना था। अभी तक 15 राज्य ये परिषद बना चुके हैं

अब उत्तराखंड भी इस श्रेणी में शामिल हो गया है। दरअसल, अभी तक सभी राज्य अपने यहां पैरामेडिकल विषय संचालित करते हैं। यह देखा गया कि कई राज्य एक दूसरे के यहां संचालित पैरामेडिकल विषयों के पाठ्यक्रम को अपने यहां मान्यता नहीं देते थे। इस कारण प्रदेश से दूसरे राज्यों में जाने वाले अथवा दूसरे राज्यों से प्रदेश में आने वाले युवाओं को सरकारी सेवाओं में नहीं लिया जाता था। यह विषय केंद्र के समक्ष भी उठा। तब यह देखा गया कि चिकित्सकों के लिए नेशनल मेडिकल काउंसिल और नर्सिंग स्टाफ के लिए नेशनल नर्सिंग काउंसिल गठित है। इनके पाठ्यक्रम इन्हीं काउंसिल के जरिये तय किए जाते हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर एक जैसा पाठ्यक्रम होने के कारण इनसे संबद्ध कालेजों से पढऩे वाले युवाओं को किसी भी राज्य में रोजगार आसानी से मिल जाता है। ऐसे में पैरामेडिकल के क्षेत्र में भी राष्ट्रीय स्तर पर एक ही काउंसिल बनाने का निर्णय लिया गया। जो बन चुकी है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य विभाग ने कैबिनेट के समक्ष राज्य संबद्ध और स्वास्थ्य देखभाल परिषद के गठन का प्रस्ताव रखा जिसे कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान कर दी है।

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