उत्तराखंड केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के हिमालयी क्षेत्र में घूमते हिम तेंदुए के सहित लाल लोमड़ी, भूरा भालू और कस्तूरी मृग भी ट्रैप कैमरा में हुए कैद,,,,,
देहरादून: केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के हिमालयी क्षेत्र में हिम तेंदुआ नजर आया। हिम तेंदुए की गतिविधियां ट्रैप कैमरे में कैद हुई है। लाल लोमड़ी, भूरा भालू व कस्तूरी मृग भी दिखाई दिए।
केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग के ऊखीमठ रेंज के ऊपरी क्षेत्रों में हिम तेंदुआ की गतिविधियां ट्रैप कैमरा में कैद हुई हैं। बर्फ से घिरे हिमखंडों के बीच यहां हिम तेंदुआ नजर आया है। साथ ही पीले गले वाला नेवला और लाल लोमड़ी सहित कई दुर्लभ पक्षी प्रजातियां भी क्षेत्र में मौजूद हैं।
975.20 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल में फैले केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग में केदारनाथ, द्वितीय केदार तुंगनाथ और तृतीय केदार तुंगनाथ के साथ ही कई रमणीक स्थल मौजूद हैं। इस पूरे वन क्षेत्र में दुर्लभ वन्य जीव निवास करते हैं। इन जीवों के संरक्षण और सुरक्षा के लिए प्रभागीय स्तर पर निरंतर गश्त की जाती है। साथ ही जगह-जगह पर 200 ट्रैप कैमरा लगाये गये हैं। जिससे वन्य जीवों की गतिविधियों का पता लग सके।
प्रभागीय स्तर पर डीएफओ तरुण एस की निगरानी में इन कैमरों का आकलन किया जा रहा है, जिसमें कई वन्य जीवन नजर आ रहे हैं। खास बात यह है कि ट्रैप कैमरा में हिम तेंदुआ दिखाई दिया है। यह हिम तेंदुआ ऊखीमठ रेंज के हिमालय से लगे क्षेत्र में नजर आया है। काफी बड़े क्षेत्र में यह दुर्लभ वन्य जीव गश्त कर रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि लंबे समय बाद हिम तेंदुआ दिखाई दिया है। प्रभागीय क्षेत्र में कस्तूरी मृग, भूरा भालू, भौंकने वाले हिरण, पीले गले वाला नेवला, लाल लोमड़ी भी अच्छी संख्या में मिले हैं, जिससे प्रभागीय अधिकारी भी खुश हैं।
पक्षी प्रजातियों की बढ़ी रही तादात
केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग में पक्षी प्रजातियों की संख्या बढ़ रही है। मोनाल के साथ ही तीतर की कई प्रजातियां उच्च हिमालय क्षेत्र में पाई गई है। साथ ही यहां गुलदार, भालू, सांभ, घुरल, काखड, हिमालयन थार भी पूरे प्रभागीय क्षेत्र में पाये गये हैं।
प्रभागीय क्षेत्र में लगाये गये ट्रैप कैमरा का निरीक्षण किया जा रहा है, जिसमें हिम तेंदुआ कैद हुआ है, जो सुखद है। हिमालय क्षेत्र में पाये जाने वाले कई दुर्लभ जीव अपने कुनबे के साथ विचरण करते देखे गये हैं, जो प्रकृति और पर्यावरण के लिए अच्छा है। जुलाई माह के दूसरे सप्ताह तक सभी ट्रैप कैमरा का निरीक्षण का कार्य पूरा हो जाएगा। इसके बाद, प्रभागीय क्षेत्र में वन्य जीव व पक्षी प्रजातियों की सही संख्या का पता लग सकेगा– तरुण एस, डीएफओ केदारनाथ वन्य जीव प्रभाग गोपेश्वर, चमोली
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