July 18, 2025

उत्तराखंड के पहाड़ों में निवेश करने पर सरकार निवेशकों को देगी 4 से 40 करोड़ तक की अतिरिक्त सब्सिडी, नीति लागू ,,,,,

उत्तराखंड के पहाड़ों में निवेश करने पर सरकार निवेशकों को देगी 4 से 40 करोड़ तक की अतिरिक्त सब्सिडी, नीति लागू ,,,,,

देहरादून: उत्तराखंड में मेगा इंडस्ट्रियल एवं इंवेस्टमेंट नीति 2025 लागू की गई। पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली, चंपावत, रुद्रप्रयाग व बागेश्वर जिले में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार उद्योगों को चार से 40 करोड़ तक अतिरिक्त सब्सिडी देगी। उत्तराखंड मेगा इंडस्ट्रियल एवं इंवेस्टमेंट नीति में निवेशकों को पर्वतीय प्रोत्साहन देने का प्रावधान किया गया।

उद्योग विभाग ने उत्तराखंड इंडस्ट्रियल एवं इंवेस्टमेंट नीति लागू करने के आदेश जारी किए। इस नीति के तहत उद्योगों को पर्वतीय प्रोत्साहन का लाभ देने के लिए दो श्रेणी गई है। ए श्रेणी में पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, चमोली, चंपावत, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर जिले शामिल हैं। बी श्रेणी में टिहरी जिले का पर्वतीय क्षेत्र, नैनीताल जिले के भीमताल, धारी, बेतालघाट, रामगढ़, ओखलकांडा विकासखंड व देहरादून जिले का चकराता विकासखंड शामिल हैं।

सब्सिडी का लाभ देने का प्रावधान किया गया
ए श्रेणी में लार्ज, अल्ट्रा लार्ज, मेगा व अल्ट्रा मेगा उद्योग लगाने पर पूंजी निवेश का दो प्रतिशत या अधिकतम चार से 40 करोड़ तक अतिरिक्त सब्सिडी दी जाएगी। जबकि बी श्रेणी में निवेश करने पर एक प्रतिशत या अधिकतम दो करोड़ से 20 करोड़ तक सब्सिडी का प्रावधान है। नीति के अनुसार पर्वतीय क्षेत्रों में लार्ज श्रेणी में 51 से 200 करोड़ का निवेश करने पर निवेशक को एक से चार करोड़ तक ज्यादा सब्सिडी का लाभ मिलेगा।

इसी तरह अल्ट्रा मेगा श्रेणी में 1000 से 2000 करोड़ का निवेश करने पर 20 से 40 करोड़ तक सब्सिडी मिलेगी। प्रदेश सरकार ने बड़े निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए 2021 की नीति में संशोधन कर उत्तराखंड मेगा इंडस्ट्रियल एवं इंवेस्टमेंट नीति 2025 लागू की है। इस नीति में निवेशक राज्य में उतना निवेशक करेंगे। उसके आधार पर सब्सिडी का लाभ देने का प्रावधान किया गया।

.सचिव उद्योग विनय शंकर पांडेय ने कहा, प्रदेश में मेगा इंडस्ट्रियल एवं इंवेस्टमेंट नीति 2025 लागू करने के आदेश जारी किए गए। इस नीति से प्रदेश में बड़े निवेश को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही पर्वतीय क्षेत्रों में उद्योग लगाने पर अलग से पर्वतीय प्रोत्साहन का प्रावधान किया गया।

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