
देहरादून: महिला सुरक्षा पर आधारित “NARI 2025” नामक राष्ट्रीय रिपोर्ट को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। रिपोर्ट में देहरादून को महिलाओं के लिए असुरक्षित बताया गया था, जिसके बाद जिले के व्यापारी संगठनों, होटल एसोसिएशन और शैक्षणिक संस्थानों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई है। अब पुलिस ने इस रिपोर्ट की साख और प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
शिकायतों और विवाद को गंभीरता से लेते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) देहरादून ने पीवैल्यू एनालैटिक्स कम्पनी को रिपोर्ट की प्रामाणिकता साबित करने के लिए समस्त दस्तावेजों सहित तलब किया है। मामले की जांच का जिम्मा एसपी ऋषिकेश को सौंपा गया था, जिनके नोटिस के बाद आज कंपनी के प्रतिनिधि मयंक ढय्या एसएसपी के समक्ष पेश हुए।
प्रतिनिधि ने बताया कि यह रिपोर्ट एकेडमिक रिसर्च के उद्देश्य से विश्वविद्यालय में अध्ययनरत छात्रों के लिए तैयार की गई थी। सर्वे दो टीमों द्वारा किया गया – एक टीम ने डेटा संग्रहण किया जबकि दूसरी टीम ने उसका विश्लेषण किया। हालांकि, पुलिस द्वारा पूछे गए सवालों पर प्रतिनिधि कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके।

एसएसपी ने कंपनी के प्रतिनिधि को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि एक सप्ताह के भीतर कंपनी के प्रबंध निदेशक, सर्वे और डेटा विश्लेषण करने वाली दोनों टीमों के सदस्यों को समस्त दस्तावेजों के साथ उपस्थित होना होगा। साथ ही चेतावनी दी गई है कि यदि निर्धारित समयावधि में संतोषजनक स्पष्टीकरण नहीं दिया गया, या रिपोर्ट में प्रयुक्त तथ्य आधारहीन पाए जाते हैं, तो कंपनी के खिलाफ कड़ी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच, देहरादून होटल एसोसिएशन ने रिपोर्ट को “तथ्यहीन और भ्रम फैलाने वाली” करार दिया है, जिससे पर्यटन उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है। वहीं, कई शिक्षण संस्थानों के छात्रों और उनके अभिभावकों ने भी रिपोर्ट को लेकर रोष व्यक्त किया है।
पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि महिला सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बिना प्रमाणिकता के रिपोर्ट प्रकाशित करना न केवल ग़ैर-जिम्मेदाराना है, बल्कि इससे शहर की छवि और सामाजिक सौहार्द पर भी प्रतिकूल असर पड़ सकता है।
अब निगाहें पीवैल्यू एनालैटिक्स कम्पनी पर टिकी हैं कि वे इस रिपोर्ट से जुड़े तथ्यों को किस हद तक प्रमाणित कर पाते हैं।

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