November 10, 2025

उत्तराखंड बाबा केदारनाथ हुए शीतकाल के लिए समाधिस्थ, अब अगले छह महीने देवता संभालेंगे बाबा की पूजा का दायित्व,,,,,

उत्तराखंड बाबा केदारनाथ हुए शीतकाल के लिए समाधिस्थ, अब अगले छह महीने देवता संभालेंगे बाबा की पूजा का दायित्व,,,,,


देहरादून: भाई दूज के पावन अवसर पर भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक श्री केदारनाथ धाम के कपाट वैदिक मंत्रोच्चारण और विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए गए। इसी के साथ बाबा केदारनाथ छह माह के लिए समाधिस्थ हो गए हैं। अब आगामी छह महीनों तक देवता स्वयं धाम में पूजा-अर्चना का दायित्व निभाएंगे।

केदारनाथ मंदिर के कपाट बंद होने की पूर्व संध्या पर बुधवार रात से ही हजारों श्रद्धालु जलाभिषेक और दर्शन के लिए पहुंचे। प्रातः चार बजे से समाधि पूजा प्रारंभ हुई, जिसके दौरान गर्भगृह में प्रवेश वर्जित रहा। केदारसभा के अध्यक्ष पंडित राजकुमार तिवारी, महामंत्री अंकित सेमवाल, बीकेटीसी के सीईओ विजय प्रसाद थपलियाल, धर्माधिकारी ओंकार शुक्ला सहित सीमित लोग गर्भगृह में उपस्थित रहे।

🏵 वैदिक रीति से सम्पन्न हुई समाधि प्रक्रिया
भगवान केदार के स्वयंभू शिवलिंग को घी, श्वेत वस्त्र, बागंबर, धान-गेहूं, ब्रह्मकमल और स्थानीय पुष्पों से ढककर वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच समाधिस्त किया गया। यह धार्मिक प्रक्रिया दो घंटे से अधिक चली। इसके उपरांत गर्भगृह को शीतकाल के लिए पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया। पंडित अंकित सेमवाल के अनुसार मान्यता है कि अब छह माह तक देवता स्वयं केदारनाथ धाम में पूजा का संचालन करते हैं, जबकि ग्रीष्मकाल में मानवों द्वारा पूजा संपन्न होती है।

🏵 रामपुर पहुंची बाबा केदार की पंचमुखी डोली
कपाट बंद होने के बाद भगवान केदार की पंचमुखी चल डोली भव्य श्रद्धा के साथ रामपुर पहुंची, जहां भक्तों ने पुष्पवर्षा कर उनका स्वागत किया। रात्रि प्रवास के दौरान महिला मंगल दल ने भजन-कीर्तन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों से वातावरण भक्तिमय बना दिया।

🏵 गौरीकुंड में भी बंद हुए गौरी माता मंदिर के कपाट
केदारनाथ धाम के प्रवेश द्वार गौरीकुंड स्थित गौरी माई मंदिर के कपाट भी गुरुवार सुबह विधिवत मंत्रोच्चारण के साथ बंद कर दिए गए। अब शीतकाल में गौरी माता की पूजा गौरी गांव में संपन्न होगी।

🏵 श्रद्धालुओं ने किए भंडारे में प्रसाद ग्रहण
कपाट बंद होने के अवसर पर तीर्थ पुरोहितों, व्यापारियों और पुलिस विभाग की ओर से आठ स्थानों पर भंडारे आयोजित किए गए। हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण कर बाबा केदारनाथ की जयकारों से पूरी घाटी को गूंजा दिया।

🏵 अगले वर्ष अप्रैल-मई में खुलेंगे कपाट
धार्मिक परंपरा के अनुसार, आगामी ग्रीष्मकाल में अप्रैल-मई माह में शुभ मुहूर्त पर पुनः बाबा केदारनाथ के कपाट खोले जाएंगे। तब तक भक्तजन ओंकारेश्वर मंदिर (उखीमठ) में शीतकालीन पूजन कर बाबा केदारनाथ से आशीर्वाद प्राप्त करेंगे।

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