Shareउत्तराखंड मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के घर पहुंचकर दीं दीपावली की शुभकामनाएं,,,,, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने पूर्व मुख्यमंत्री श्री तीरथ सिंह रावत के निवास पर पहुंचकर उन्हें दीपावली की शुभकामनाएं दी | Share Continue Reading Previous उत्तराखंड बाबा केदारनाथ मे भकुंट भैरवनाथ महाराज के कपाट शीतकाल हेतु विधिवत पूजा अर्चना के साथ हुए बंद,,,,,,Next आज का भविष्यफल – क्या कहते हैं आप किस्मत के सितारे दिन सोमवार दिनांक 20/10/2025 Leave a Reply Cancel replyYour email address will not be published. Required fields are marked *Comment * Name * Email * Website Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment. More Stories उत्तराखण्ड आज का भविष्यफल- क्या कहते हैं आपकी किस्मत के सितारे दिन बुधवार दिनांक 22/10/2025 October 22, 2025 Admin उत्तराखण्ड आज का भविष्यफल – क्या कहते हैं आपकी किस्मत के सितारे दिन मंगलवार दिनांक 21/10/2025 October 21, 2025 Admin उत्तराखण्ड 🪔 दीपावली 2025 : जानिए कब है लक्ष्मी पूजन, क्या है शुभ मुहूर्त और पूर्ण विधि-विधान 🪔 देहरादून। इस वर्ष दीपों का पर्व दीपावली पूरे हर्षोल्लास के साथ सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर दोपहर 3:44 बजे से प्रारंभ होकर 21 अक्टूबर शाम 5:54 बजे तक रहेगी। ऐसे में प्रमुख लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त रात 7:08 बजे से 8:18 बजे तक निर्धारित किया गया है। देर से पूजा करने वालों के लिए निशीथ काल मुहूर्त भी रहेगा, जो रात 11:41 बजे से 12:32 बजे (21 अक्टूबर) तक मान्य रहेगा। — 🌸 घर-घर में सजेगा दीपोत्सव का माहौल दीपावली पर घरों और बाजारों में रौनक देखने लायक होगी। लोग घरों की सफाई, सजावट और दीपों की जगमगाहट से वातावरण को आलोकित करेंगे। शुभ अवसर पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा धन, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि के लिए की जाएगी। — 📿 पूजन विधि-विधान धार्मिक मान्यता के अनुसार दीपावली के दिन सबसे पहले घर की शुद्धि और सजावट की जाती है। इसके बाद लाल या पीले वस्त्र पहनकर पूजा स्थल को तैयार किया जाता है। पूजा स्थल पर नया कपड़ा बिछाकर माता लक्ष्मी एवं भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना की जाती है। कलश, अक्षत, फूल, दीपक, धूप, अगरबत्ती, मिठाई और फल-प्रसाद सहित सभी पूजन सामग्री रखी जाती है। सबसे पहले गणेश जी की पूजा “ॐ गण गणपतये नमः” मंत्र से की जाती है। इसके बाद माता लक्ष्मी का आवाहन “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र के साथ कर पुष्प, चावल और दीप अर्पित किए जाते हैं। परिवार सहित लक्ष्मी आरती की जाती है और प्रसाद वितरित किया जाता है। व्यावसायिक लोगों के लिए इस दिन नए बही-खाते की पूजा शुभ मानी जाती है। — 💡 दीप जलाने का महत्व दीपावली का अर्थ ही है—अंधकार पर प्रकाश की विजय। दीपक का प्रकाश न केवल घर को रोशन करता है, बल्कि मन के अंधकार को भी दूर करता है। धर्मग्रंथों के अनुसार, इस दिन दीप जलाने से दरिद्रता, क्लेश और नकारात्मकता का नाश होता है तथा मां लक्ष्मी का स्थायी निवास होता है। — 🌺 समृद्धि और मंगल का संदेश दीपावली केवल धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और प्रेम का प्रतीक भी है। दीपों की रौशनी हर घर में खुशियों की नई किरण लेकर आती है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि सही मुहूर्त में श्रद्धा-भावपूर्वक किया गया लक्ष्मी पूजन जीवन में धन, सौभाग्य और शांति का संचार करता है। October 20, 2025 Admin
More Stories
आज का भविष्यफल- क्या कहते हैं आपकी किस्मत के सितारे दिन बुधवार दिनांक 22/10/2025
आज का भविष्यफल – क्या कहते हैं आपकी किस्मत के सितारे दिन मंगलवार दिनांक 21/10/2025
🪔 दीपावली 2025 : जानिए कब है लक्ष्मी पूजन, क्या है शुभ मुहूर्त और पूर्ण विधि-विधान 🪔 देहरादून। इस वर्ष दीपों का पर्व दीपावली पूरे हर्षोल्लास के साथ सोमवार, 20 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, अमावस्या तिथि 20 अक्टूबर दोपहर 3:44 बजे से प्रारंभ होकर 21 अक्टूबर शाम 5:54 बजे तक रहेगी। ऐसे में प्रमुख लक्ष्मी-गणेश पूजन का शुभ मुहूर्त रात 7:08 बजे से 8:18 बजे तक निर्धारित किया गया है। देर से पूजा करने वालों के लिए निशीथ काल मुहूर्त भी रहेगा, जो रात 11:41 बजे से 12:32 बजे (21 अक्टूबर) तक मान्य रहेगा। — 🌸 घर-घर में सजेगा दीपोत्सव का माहौल दीपावली पर घरों और बाजारों में रौनक देखने लायक होगी। लोग घरों की सफाई, सजावट और दीपों की जगमगाहट से वातावरण को आलोकित करेंगे। शुभ अवसर पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा धन, ऐश्वर्य और सुख-समृद्धि के लिए की जाएगी। — 📿 पूजन विधि-विधान धार्मिक मान्यता के अनुसार दीपावली के दिन सबसे पहले घर की शुद्धि और सजावट की जाती है। इसके बाद लाल या पीले वस्त्र पहनकर पूजा स्थल को तैयार किया जाता है। पूजा स्थल पर नया कपड़ा बिछाकर माता लक्ष्मी एवं भगवान गणेश की मूर्ति या तस्वीर की स्थापना की जाती है। कलश, अक्षत, फूल, दीपक, धूप, अगरबत्ती, मिठाई और फल-प्रसाद सहित सभी पूजन सामग्री रखी जाती है। सबसे पहले गणेश जी की पूजा “ॐ गण गणपतये नमः” मंत्र से की जाती है। इसके बाद माता लक्ष्मी का आवाहन “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र के साथ कर पुष्प, चावल और दीप अर्पित किए जाते हैं। परिवार सहित लक्ष्मी आरती की जाती है और प्रसाद वितरित किया जाता है। व्यावसायिक लोगों के लिए इस दिन नए बही-खाते की पूजा शुभ मानी जाती है। — 💡 दीप जलाने का महत्व दीपावली का अर्थ ही है—अंधकार पर प्रकाश की विजय। दीपक का प्रकाश न केवल घर को रोशन करता है, बल्कि मन के अंधकार को भी दूर करता है। धर्मग्रंथों के अनुसार, इस दिन दीप जलाने से दरिद्रता, क्लेश और नकारात्मकता का नाश होता है तथा मां लक्ष्मी का स्थायी निवास होता है। — 🌺 समृद्धि और मंगल का संदेश दीपावली केवल धार्मिक पर्व ही नहीं, बल्कि सामाजिक एकता और प्रेम का प्रतीक भी है। दीपों की रौशनी हर घर में खुशियों की नई किरण लेकर आती है। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि सही मुहूर्त में श्रद्धा-भावपूर्वक किया गया लक्ष्मी पूजन जीवन में धन, सौभाग्य और शांति का संचार करता है।