October 13, 2025

उत्तराखंड में अब कफ सिरप के बाद बच्चों को दी जाने वाली पैरासिटामोल सिरप की जांच शुरू, विभाग ने 9 सैंपलों को भेजा लैब,,,,,

उत्तराखंड में अब कफ सिरप के बाद बच्चों को दी जाने वाली पैरासिटामोल सिरप की जांच शुरू, विभाग ने 9 सैंपलों को भेजा लैब,,,,,

देहरादून: उत्तराखंड में कफ सिरप घोटाले के बाद अब बच्चों को दी जाने वाली पैरासिटामोल सिरप पर भी शिकंजा कसना शुरू हो गया है। खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन (FDA) ने पूरे प्रदेश में पैरासिटामोल सिरप की गुणवत्ता जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।

रविवार को एफडीए की टीमों ने मेडिकल स्टोर्स का निरीक्षण करते हुए 9 पैरासिटामोल सिरप के सैंपल एकत्रित किए और उन्हें देहरादून स्थित औषधि परीक्षण प्रयोगशाला भेजा गया है।

चार साल से कम उम्र के बच्चों की दवा पर जांच के आदेश
एफडीए के अपर आयुक्त एवं राज्य ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने बताया कि स्वास्थ्य सचिव एवं एफडीए आयुक्त डॉ. आर. राजेश कुमार के निर्देश पर यह कार्रवाई शुरू की गई है।

उन्होंने कहा कि हाल ही में कुछ राज्यों में प्रतिबंधित कफ सिरप से जुड़ी गंभीर शिकायतें सामने आई थीं। इसके बाद अब चार वर्ष से कम आयु के बच्चों को दी जाने वाली पैरासिटामोल सिरप की गुणवत्ता जांचने का निर्णय लिया गया है।

प्रदेश के सभी औषधि निरीक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने-अपने जिलों से सैंपल एकत्र कर लैब में भेजें, ताकि दवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।

जनता से अपील: डॉक्टर की सलाह के बिना बच्चों को दवा न दें।

राज्य ड्रग कंट्रोलर ताजबर सिंह जग्गी ने कहा कि अभिभावक डॉक्टर की सलाह के बिना बच्चों को कोई भी दवा न दें।
उन्होंने बताया कि विभाग की प्राथमिकता बच्चों की सुरक्षा है और किसी भी संदिग्ध दवा पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कफ सिरप के खिलाफ भी जारी है राज्यव्यापी कार्रवाई
अपर आयुक्त ने बताया कि कफ सिरप के खिलाफ प्रदेशभर में कार्रवाई जारी है।
ऊधमसिंह नगर जिले के सितारगंज क्षेत्र में एफडीए टीम ने पांच मेडिकल स्टोर्स का निरीक्षण किया।

निरीक्षण के दौरान अनियमितताएं मिलने पर –

एक मेडिकल स्टोर को मौके पर नोटिस देकर सात दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया,
गौरापड़ाव क्षेत्र में एक मेडिकल स्टोर को सील किया गया,
एक मेडिकल स्टोर का लाइसेंस निलंबित किया गया,
और दो अन्य स्टोर्स को नोटिस जारी किए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग का सख्त संदेश

स्वास्थ्य विभाग ने स्पष्ट किया है कि राज्य में घटिया या असुरक्षित दवाओं के निर्माण और बिक्री को किसी भी हालत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी पाए जाने वाले निर्माताओं और विक्रेताओं के खिलाफ एफडीए सख्त कार्रवाई करेगा।

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