October 23, 2025

उत्तराखंड राजधानी में सरकारी जमीन कब्जाने को चली टैक्स भरने की चाल, ऐसे हुआ करोड़ों की ठगी का पर्दाफाश,,,,,,

उत्तराखंड राजधानी में सरकारी जमीन कब्जाने को चली टैक्स भरने की चाल, ऐसे हुआ करोड़ों की ठगी का पर्दाफाश,,,,,,

देहरादून- नवंबर 2021 में इन लोगों ने इसी जमीन को अपने नाम करवाने के इरादे से करीब चालीस हजार की राशि गुपचुप तरीके से हाउस टैक्स के तौर पर जमा करवाने का प्रयास किया था। इसकी जानकारी मिलते ही तत्कालीन नगर आयुक्त मनुज गोयल।

देहरादून के सर्वे चौक के पास नगर निगम की बेशकीमती जमीन कब्जाने को कुछ लोग फिर कर अनुभाग में हाउस टैक्स जमा करवाने पहुंच गए। तीन साल पहले भी इस जमीन का टैक्स जमा करवाने का प्रयास किया गया था, जिसे नगर आयुक्त ने निरस्त कर दिया था।

 

 

अब दोबारा फॉर्म भरकर टैक्स जमा करवाने की कोशिश की जा रही है। नगर निगम प्रशासन ने कर अधीक्षकों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। सर्वे चौक से कुछ दूरी पर रायपुर रोड से सटी नगर निगम की करीब साढ़े चार बीघा जमीन को लेकर कुछ बिचौलिये फिर सक्रिय हो गए हैं।

नवंबर 2021 में इन लोगों ने इसी जमीन को अपने नाम करवाने के इरादे से करीब चालीस हजार की राशि गुपचुप तरीके से हाउस टैक्स के तौर पर जमा करवाने का प्रयास किया था। इसकी जानकारी मिलते ही तत्कालीन नगर आयुक्त मनुज गोयल ने इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी।

हाल ही में कोर्ट के आदेश पर जब्त राशि आवेदक को वापस लौटाई गई। अब दोबारा कुछ लोग इसी जमीन का टैक्स जमा करवाने पहुंच गए। नगर आयुक्त गौरव कुमार ने कर अधीक्षक धर्मेश पैन्यूली और पूनम रावत को अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं।

उन्होंने कहा कि पूर्व में भी कर अधीक्षकों के संज्ञान में लाए बिना इस जमीन का टैक्स जमा करवाने का प्रयास किया गया था। ऐसे में इस बात का ख्याल रखें कि कहीं जाने-अनजाने में कोई चूक नहीं हो।

 

 

शहर में भूमि पर कब्जे का चल रहा बड़ा खेल
देहरादून में नगर निगम ने कुछ महीनों में 35 अलग-अलग क्षेत्रों में सरकारी जमीनों को कब्जा हटाया। इनको अवैध कब्जे से बचाना निगम के लिए बड़ी चुनौती बना है। नवंबर 2022 में निगम के रिकॉर्ड रूम से संपत्तियों से जुड़े रजिस्टर तक चोरी हो गए थे।

जमीन अपने नाम नहीं, आगे किया जा रहा सौदा
बिचौलियों के हौसले इस कदर बुलंद हैं कि सरकारी जमीन का सौदा लोगों के साथ किया जा रहा है। लोगों को सलाह दी गई है कि जमीन खरीदने से पहले एक बार नगर निगम और तहसील में रिकॉर्ड जरूर जांचे। उधर, एमडीडीए ने भी नगर निगम कार्यालय परिसर में बोर्ड लगाकर लोगों से अपील की है कि प्लॉट खरीदने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि लेआउट पास है या नहीं।

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