September 5, 2025

उत्तराखंड सरकार का सख्त एक्शन, मुख्यमंत्री के निर्देश पर नमक की गुणवत्ता की जांच में मामले में सामने आए संतोषजनक परिणाम,,,

उत्तराखंड सरकार का सख्त एक्शन, मुख्यमंत्री के निर्देश पर नमक की गुणवत्ता की जांच में मामले में सामने आए संतोषजनक परिणाम,,,

देहरादून- उत्तराखंड में “मुख्यमंत्री नमक पोषण योजना” के अंतर्गत वितरित किए जा रहे आयोडाईज्ड नमक की गुणवत्ता पर उठे सवालों के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तत्परता दिखाते हुए तत्काल जांच के निर्देश दिए। सरकार की सक्रियता और पारदर्शी कार्यप्रणाली के चलते अब इस मामले में स्पष्टता आ चुकी है — वितरित किया जा रहा नमक उच्च गुणवत्ता का है और एफएसएसएआई मानकों के अनुरूप पाया गया है।

प्रदेश में यह योजना जून 2024 से शुरू की गई थी, जिसके अंतर्गत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत आने वाले राशन कार्ड धारकों को ₹8 प्रति किलोग्राम की दर से आयोडीन युक्त नमक उपलब्ध कराया जा रहा है। इस योजना का क्रियान्वयन भारतीय राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ मर्यादित (NCCF) के माध्यम से किया जा रहा है।

🔴गुणवत्ता जांच की प्रक्रिया🔴

नमक के नमूने रक्षा खाद्य एवं अनुसंधान प्रयोगशाला, मैसूर द्वारा परीक्षण किए गए, जहां से सकारात्मक रिपोर्ट प्राप्त हुई।

इसके अतिरिक्त, ITC लैब्स (एनएबीएल मान्यता प्राप्त और एफएसएसएआई अनुमोदित प्रयोगशाला) से भी नमक की गुणवत्ता को लेकर पुष्टि की गई।

राज्य खाद्य एवं औषधि परीक्षण प्रयोगशाला, रुद्रपुर से 19 अगस्त 2025 को प्राप्त रिपोर्ट में भी नमक को पूर्णत: सुरक्षित और मानकों के अनुकूल बताया गया।

🔴सरकार की अगली कार्रवाई🔴

आयुक्त चन्द्रेश कुमार ने जानकारी दी कि सरकार गुणवत्ता को लेकर कोई समझौता नहीं करना चाहती। अतः:

मानसून समाप्त होने के बाद निर्माता कंपनी के कारखाने का निरीक्षण किया जाएगा।

भविष्य में नियमित अंतराल पर नमूनों की जाँच प्रयोगशालाओं में कराई जाती रहेगी।

नमक की उपलब्धता, आपूर्ति और गुणवत्ता में पूर्ण पारदर्शिता सुनिश्चित की जा रही है।

जांच हुई वर्तमान रिपोर्ट के आधार पर यह कहना गलत नहीं होगा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सक्रियता और खाद्य विभाग की पारदर्शी कार्यप्रणाली ने यह साबित कर दिया है कि प्रदेश में गरीबों और ज़रूरतमंदों को दिया जाने वाला खाद्यान्न पूरी तरह से सुरक्षित, गुणवत्तायुक्त और पोषण से भरपूर है। इस पहल से सरकार की जनकल्याणकारी सोच और जवाबदेही का भी स्पष्ट संदेश जनता तक पहुंचा है।

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