उत्तराखंड, 225 साल पुरानी निर्माणी पर संकट, कर्मचारियों का भविष्य अधर में कर्मचारियों ने दी बड़े आंदोलन की चेतावनी,,,,
देहरादून: अंग्रेजी शासन में वर्ष 1801 में स्थापित की गई ऑर्डिनेंस फैक्ट्री (निर्माणी) आज 225 वर्ष पूरे करने के बाद भी संकट के दौर से गुजर रही है। आज़ादी के बाद भी देशभर में 41 निर्माणियों का संचालन होता रहा, जिनमें करीब 1.45 लाख कर्मचारी कार्यरत हैं। इन निर्माणियों का मुख्यालय कोलकाता के 10 ऑकलैंड रोड पर स्थित है और इनका संचालन डायरेक्टर जनरल ऑर्डिनेंस फैक्ट्री करता है।
सरकार ने वर्ष 2021 में ही इन 41 निर्माणियों को कॉरपोरेशन के रूप में पुनर्गठित कर दिया था और कर्मचारियों को 31 दिसंबर 2025 तक डेपुटेशन पर रखा गया। अब इस अवधि के समाप्त होने से पहले ही सरकार ने एक समिति गठित कर दी है, जिससे कर्मचारियों में भविष्य को लेकर गहरी चिंता व्याप्त है।
कर्मचारियों का कहना है कि देशभर में फैली निर्माणियों के पास लगभग 65,000 एकड़ जमीन और कई कारखाने हैं, जिन पर अब कॉरपोरेट जगत की निगाहें टिकी हुई हैं। सवाल यह भी उठ रहा है कि इन निर्माणियों और उनके मुख्यालय का मालिकाना हक भविष्य में किसके पास जाएगा।
बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष जयवर्धन रेड्डी और राष्ट्रीय सचिव अजय जी के निर्देशों के तहत चंडीगढ़, मुरादनगर, हजरतपुर, शाहजहांपुर और देहरादून की निर्माणियों के प्रतिनिधियों ने भी आंदोलन को समर्थन देने का आश्वासन दिया।
कर्मचारियों ने प्रसार भारती मॉडल अपनाने की मांग उठाई है, ताकि उन्हें कैंटीन, मेडिकल, शिक्षा और प्रमोशन जैसी सुविधाएं पूर्ववत मिलती रहें।
इसके साथ ही कैडर की पुरानी समस्याओं, विशेषकर एमसीएम से चार्ज में 4600 ग्रेड पे की मांग को लेकर भी कर्मचारियों ने संघर्ष तेज करने का संकल्प लिया है। बैठक में सचिव फिरोज खान, अध्यक्ष गिरी चन्द्र उप्रेती, कुलदीप कुमार, सी.एल. बैगा, धर्मेंद्र राममोहन, अजीत डोगरा, सुनील कश्यप सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
कर्मचारियों का कहना है कि यदि सरकार ने उनकी मांगों पर शीघ्र ध्यान नहीं दिया तो वे बड़े आंदोलन का रास्ता अपनाएंगे।
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