उत्तराखंड 60,000 आयुध निर्माणी कर्मचारियों के भविष्य पर प्रश्नचिह्न, यूनियनों का विरोध,,,,
देहरादून: आयुध निर्माणी बोर्ड (Ordnance Factory Board – OFB) के निगमीकरण (Corporatisation) के बाद, 60,000 कर्मचारियों के भविष्य और सेवा शर्तों को लेकर अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। राष्ट्रीय परिषद के सदस्य गिरीश चंद्र उप्रेती ने एक प्रेस नोट जारी कर सरकार के इस कदम को कर्मचारियों के साथ ‘बहुत बड़ा धोखा’ बताया है।
मुख्य मुद्दे और मांगें
निगमीकरण पर विरोध: 225 साल पुरानी 41 आयुध फैक्टरियों को 7 नई सरकारी कंपनियों में बदला गया है। कर्मचारियों का आरोप है कि इससे उनकी सेवा शर्तें प्रभावित होंगी।
‘प्रसार भारती’ मॉडल की मांग: कर्मचारी चाहते हैं कि उनकी सेवा शर्तें ‘प्रसार भारती’ मॉडल पर आधारित हों, जिसमें वे रक्षा मंत्रालय से ही सेवानिवृत्त हों, न कि नई कंपनियों से।
पुरानी पेंशन नीति: कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना (OPS) की बहाली की भी मांग की है।
वेतन आयोग की विसंगतियां: सातवें वेतन आयोग की विसंगतियों को दूर करने के बाद ही आठवें वेतन आयोग पर चर्चा शुरू करने की मांग की गई है।
प्रमोशन और ट्रांसफर: कर्मचारियों ने प्रमोशन, ट्रांसफर और अन्य लाभों में असमानता को दूर करने के लिए भी तत्काल समाधान की मांग की है।
कर्मचारियों का कहना है कि सरकार उन्हें कई तरह के प्रलोभन दे रही है, लेकिन वे किसी भी लालच में नहीं आएंगे। उप्रेती ने अधिकारियों से 31 दिसंबर से पहले कर्मचारियों के हित में सभी लंबित मुद्दों को हल करने का आग्रह किया है, जिसमें आर्थिक लाभ, स्थानांतरण और ओवर टाइम से संबंधित भेदभाव शामिल हैं। यदि उनकी मांगों का समाधान नहीं हुआ, तो वे कानूनी रास्ता अपनाने पर विचार करेंगे।
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