November 4, 2025

उत्तराखंड VIP नंबरों से परिवहन विभाग की हुई चांदी, लाखों में लगी में वीआईपी नंबरों की सबसे महंगी बोली,,,,,,

उत्तराखंड VIP नंबरों से परिवहन विभाग की हुई चांदी, लाखों में लगी में वीआईपी नंबरों की सबसे महंगी बोली,,,,,,

देहरादून: राजधानी देहरादून में वाहनों के वीआईपी नंबरों का क्रेज लगातार बढ़ता जा रहा है। परिवहन विभाग को इस बार नंबर प्लेट नीलामी से बड़ी कमाई हुई है।

देहरादून संभाग में 29 वीआईपी नंबरों की नीलामी की गई, जिसमें इस बार सबसे ज्यादा बोली ‘0007’ नंबर के लिए लगी। इस नंबर की बोली 7 लाख रुपये तक पहुंच गई, जो कि निर्धारित ड्राफ्ट राशि से 28 गुना अधिक है।

🟢 0007 नंबर बना सबसे महंगा वीआईपी नंबर
परिवहन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, एचई और एचएफ श्रेणी के 29 विशेष नंबरों पर नीलामी हुई। इनमें 0007 नंबर पर सबसे अधिक प्रतिस्पर्धा देखी गई। इस नंबर की ड्राफ्ट राशि मात्र 25 हजार रुपये थी, लेकिन अंतिम बोली 7 लाख रुपये पर बंद हुई। यानी इस बार “007” नंबर ने “जेम्स बॉन्ड” के अंदाज में बाकी सभी नंबरों को पीछे छोड़ दिया।

🟢 0005 और 0001 नंबरों पर भी लगी ऊंची बोली
दूसरे स्थान पर 0005 नंबर रहा, जिस पर 6.73 लाख रुपये की बोली लगी। इस नंबर के लिए आठ वाहन मालिकों ने प्रतिस्पर्धा की। वहीं, 0001 नंबर, जो आमतौर पर सबसे पसंदीदा माना जाता है, इस बार तीसरे स्थान पर रहा। इस नंबर के लिए केवल दो लोगों ने बोली लगाई और अंतिम कीमत 2.5 लाख रुपये तय हुई। दिलचस्प बात यह है कि 0001 की ड्राफ्ट राशि 1 लाख रुपये थी, जो सभी नंबरों में सबसे अधिक थी।

🟢 सोमवार तक जमा करनी होगी बोली राशि
परिवहन विभाग ने बताया कि जिन वाहन मालिकों ने बोली जीती है, उन्हें सोमवार तक अपनी पूरी राशि जमा करनी होगी। यदि निर्धारित समय तक भुगतान नहीं किया गया तो उनकी बोली स्वतः रद्द कर दी जाएगी।

🟢 एआरटीओ प्रशासन ने कहा,
“देहरादून में वीआईपी नंबरों को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह है। इस बार भी बड़ी संख्या में प्रतिभागियों ने नीलामी में हिस्सा लिया। जिनकी बोली स्वीकृत हुई है, उन्हें समय पर भुगतान सुनिश्चित करना होगा।”

🟢क्यों है देहरादून में वीआईपी नंबरों का क्रेज ?


देहरादून में खास नंबर प्लेटों का आकर्षण हमेशा से बना हुआ है। वाहन मालिक इन अंकों को प्रतिष्ठा और स्टाइल से जोड़कर देखते हैं। यही वजह है कि ‘0007’, ‘0005’ और ‘0001’ जैसे नंबरों के लिए लोग बड़ी रकम खर्च करने से पीछे नहीं हटते।

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