May 10, 2025

केदारनाथ यात्रा पर बिना जांच के यात्रा पर नहीं जायेंगे घोड़े-खच्चर, डंडी-कंडी की संख्या बढ़ाई,,,,,,

केदारनाथ यात्रा पर बिना जांच के यात्रा पर नहीं जायेंगे घोड़े-खच्चर, डंडी-कंडी की संख्या बढ़ाई,,,,,,

गोरीकुंड- श्री केदारनाथ धाम की चारधाम यात्रा में खच्चरों और घोड़ों के माध्यम से यात्री और माल ढुलाई की व्यवस्था को और सुरक्षित बनाने के लिए रुद्रप्रयाग के मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशीष रावत के निर्देशानुसार नई व्यवस्था लागू की गई है। अब केवल पशु चिकित्सा जांच में स्वस्थ पाए गए खच्चर और घोड़े ही केदारनाथ यात्रा के लिए भेजे जाएंगे।

इस व्यवस्था का उद्देश्य श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ-साथ पशुओं की सेहत का ध्यान रखना है। इसके लिए भीमबली, लिनचोली और रुद्रापॉइन्ट पर पशु चिकित्सकों की विशेष टीमें तैनात की गई हैं, जो प्रत्येक पशु की स्वास्थ्य जांच करेंगी। केवल स्वस्थ पशुओं को ही यात्रा मार्ग पर आगे बढ़ने की अनुमति दी जाएगी। प्रक्रिया को सुचारु बनाने के लिए मल्टी टास्किंग फोर्स (MTF) और पुलिस विभाग की टीमें भी इन स्थानों पर सहयोग करेंगी।

इस नई व्यवस्था का ट्रायल शुरू हो चुका है। ट्रायल के तहत दो स्वस्थ घोड़ों को जांच के बाद केदारनाथ भेजा गया है। यह कदम यात्रा मार्ग पर पशुओं की स्थिति सुधारने और संक्रामक रोगों के प्रसार को रोकने की दिशा में महत्वपूर्ण है। डॉ. आशीष रावत ने बताया कि सभी पशुपालकों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके पशु यात्रा के मानकों के अनुरूप हों और निर्धारित जांच स्थलों पर अनिवार्य चिकित्सा जांच कराई जाए।

पिछले कुछ दिनों से घोड़ा-खच्चरों में बढ़ते संक्रमण के कारण इनका संचालन अस्थायी रूप से बंद किया गया है। ऐसे में जिला पंचायत और जिला प्रशासन द्वारा वृद्ध और असमर्थ श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रतिदिन 800 से 1000 डंडी और कंडी की व्यवस्था की जा रही है।

अपर मुख्य अधिकारी, जिला पंचायत ने बताया कि घोड़ा-खच्चरों में संक्रमण के कारण फिलहाल उनके संचालन पर रोक है। इसके बावजूद, तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए पंजीकृत डंडी-कंडी सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। गौरीकुंड से केदारनाथ तक खाद्य सामग्री और अन्य आवश्यक वस्तुओं को पहुंचाने के लिए 1000 डंडी और कंडी मजदूरों के माध्यम से कार्य किया जा रहा है। जिला पंचायत द्वारा 20 विभिन्न स्थानों पर डंडी-कंडी संचालकों के जरिए यात्रा प्रबंधन में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है।

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