September 7, 2025

चंद्र ग्रहण (Blood Moon), सदी के सबसे बड़े चंद्र ग्रहण मे कब लगेगा सूतक, क्या बरते सावधानियां और क्या है इसका धार्मिक महत्व- ABPINDIANEWS SPECIAL

चंद्र ग्रहण (Blood Moon), सदी के सबसे बड़े चंद्र ग्रहण मे कब लगेगा सूतक, क्या बरते सावधानियां और क्या है इसका धार्मिक महत्व- ABPINDIANEWS SPECIAL

देहरादून: 7 सितंबर 2025 की रात एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना घटने जा रही है—पूर्ण चंद्र ग्रहण (Total Lunar Eclipse)। यह चंद्र ग्रहण रात 9:58 बजे शुरू होगा और 8 सितंबर तड़के 1:26 बजे समाप्त होगा। ग्रहण की पूर्णता अर्थात जब चंद्रमा पूरी तरह पृथ्वी की छाया में होगा, वह समय रात 11:00 बजे से 12:22 बजे तक रहेगा। यह 82 मिनट की पूर्णता अवधि के साथ इस दशक के सबसे लंबे चंद्र ग्रहणों में से एक होगा। इस दौरान चंद्रमा एक खूबसूरत रक्तिमा (Blood Moon) रंग में नजर आएगा, जो इसे और भी खास बनाता है। भारत समेत एशिया, यूरोप, अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के कई हिस्सों में यह पूर्ण रूप से दिखाई देगा।

धार्मिक दृष्टिकोण से, इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि इसे भाद्रपद पूर्णिमा भी कहा गया है। ग्रहण लगने से 9 घंटे पूर्व, यानी दोपहर 12:59 बजे से सूतक काल प्रारंभ हो जाएगा, जो कि विशेष रूप से धार्मिक कार्यों, भोजन व पूजन आदि के लिए अशुभ माना जाता है। सूतक काल के दौरान मंदिरों के द्वार बंद रहेंगे, धार्मिक अनुष्ठान स्थगित किए जाएंगे और भोजन बनाने या खाने से भी परहेज़ किया जाता है। सूतक का प्रभाव विशेष रूप से गर्भवती महिलाओं और बच्चों पर माना जाता है, इसलिए इनकी सुरक्षा हेतु विशेष उपाय करने की सलाह दी जाती है।

ग्रहण के दौरान कुछ धार्मिक और आध्यात्मिक कार्य अत्यंत शुभ माने जाते हैं। जैसे—मंत्र जप, ध्यान, दान और स्नान। महामृत्युंजय मंत्र, विष्णु गायत्री, या अन्य वैदिक मंत्रों का जप इस समय बेहद फलदायी माना जाता है। ग्रहण समाप्ति के बाद गंगा जल से स्नान व घर की शुद्धि करने की परंपरा है। इस अवसर पर अन्न, वस्त्र, फल या तिल दान करने की भी मान्यता है। गर्भवती महिलाओं को विशेष रूप से सावधानी बरतने और जल भरे नारियल को अपने पास रखने की सलाह दी जाती है, जिससे गर्भस्थ शिशु पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े।

वहीं, कुछ कार्य इस दौरान वर्जित भी हैं। जैसे—खाना बनाना और खाना, धार्मिक मूर्तियों को छूना, पूजा करना, तुलसी को जल देना, या मांगलिक कार्यों की शुरुआत करना। ग्रहण काल में तेज धार वाले औजारों का इस्तेमाल करने से भी मना किया गया है। यही नहीं, निवेश, नए व्यापार या बड़े निर्णय लेने से भी इस दिन परहेज़ करना चाहिए।

वैज्ञानिकों के अनुसार, यह ग्रहण पूरी तरह से सुरक्षित रूप से देखा जा सकता है। इसके लिए किसी विशेष चश्मे या उपकरण की आवश्यकता नहीं है। खुले आसमान वाले क्षेत्र जैसे छत, बालकनी, या मैदान से इसे साफ-साफ देखा जा सकता है। यदि आपके पास बाइनोक्युलर या टेलीस्कोप है, तो चंद्रमा की सतह और रंग में बदलाव की खूबसूरती और भी स्पष्ट नजर आएगी। फोटो लेने के शौकीनों के लिए यह अवसर खास है—सही सेटिंग्स और स्टैंड का प्रयोग करके इस खगोलीय घटना को कैमरे में कैद किया जा सकता है।

संक्षेप में कहें तो, 7 सितंबर 2025 की यह रात न केवल खगोलीय दृष्टिकोण से बल्कि आध्यात्मिक और धार्मिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह चंद्र ग्रहण एक अद्भुत अनुभव होगा, जिसमें विज्ञान और संस्कृति दोनों का अनूठा संगम देखने को मिलेगा। उचित सतर्कता और श्रद्धा के साथ यह दिन व्यतीत करना लाभदायक रहेगा- गौरव चक्रपाणी✍

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