देहरादून नगर निगम का बड़ा फैसला, स्ट्रीट डॉग्स और सफाई व्यवस्था को लेकर किए कड़े नियम, नियम तोड़ने वालों पर लगेगा भारी जुर्माना,,,,
देहरादून: राजधानी में 26 अगस्त को नगर निगम की तीसरी बोर्ड बैठक का आयोजन नगर निगम मुख्यालय में किया गया, जिसमें शहर की बढ़ती समस्याओं को लेकर कई अहम फैसले लिए गए। बैठक की शुरुआत उत्तरकाशी और चमोली में आई आपदा में मृतकों को श्रद्धांजलि देकर की गई। इसके बाद बीजेपी और कांग्रेस पार्षदों के बीच तीखी नोकझोंक भी देखने को मिली, हालांकि मेयर सौरभ थपलियाल की मध्यस्थता से माहौल शांत हुआ और 26 प्रस्तावों पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक में नगर आयुक्त नमामि बंसल और निगम टीम की तैयारियों की सराहना की गई।
बैठक में सबसे ज्यादा चर्चा का विषय स्ट्रीट डॉग्स की बढ़ती समस्या और उनके कारण लोगों की सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंताओं पर केंद्रित रहा। नगर निगम ने निर्णय लिया कि अब खतरनाक स्ट्रीट डॉग्स की पहचान पार्षद करेंगे, जिसके बाद निगम की टीम उनका इलाज और टीकाकरण कराएगी। पहले जहां टीकाकरण के लिए कुत्तों को 5 दिन रखा जाता था, अब उन्हें 15 दिन तक निगरानी में रखा जाएगा। साथ ही एनजीओ की मदद से इन कुत्तों को ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे आक्रामक न बनें। साल में तीन बार टीकाकरण अनिवार्य किया गया है। अगर कोई नागरिक स्ट्रीट डॉग को गोद लेना चाहता है, तो उसे नगर निगम को आवेदन देना होगा। इसके लिए 200 कनाल भूमि पर 20 से 25 नए शेल्टर हाउस बनाए जाने का प्रस्ताव भी पारित किया गया।
नगर निगम ने पालतू कुत्तों और आम नागरिकों के लिए भी सख्त नियम तय किए हैं। पालतू कुत्ते का रजिस्ट्रेशन या टीकाकरण न कराने पर अब ₹5000 का जुर्माना लगेगा। अगर कोई व्यक्ति कुत्ते को खुले में घुमाता है या उसे सड़क पर शौच करवाता है तो ₹3000 से ₹5000 तक का जुर्माना भरना होगा। साथ ही सड़क पर कुत्तों को खाना खिलाने पर भी ₹5000 का जुर्माना तय किया गया है। इसके अलावा 23 खतरनाक नस्लों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया गया है, जिनमें पिटबुल टेरियर, डोगो अर्जेंटीनो, केन कोर्सो, टोसा इनु, वुल्फ डॉग, जापानी टोसा जैसे कुत्ते शामिल हैं। इन नस्लों के लिए रजिस्ट्रेशन तभी किया जाएगा, जब ट्रेनिंग सर्टिफिकेट प्रस्तुत किया जाएगा।
बैठक में सफाई व्यवस्था की बदहाली को लेकर भी कई सवाल उठे। पार्षदों ने शिकायत की कि कई वार्डों में कूड़ा नहीं उठाया जा रहा, गाड़ियों की कमी है और सफाई कर्मचारी पर्याप्त नहीं हैं। इस पर नगर निगम ने आश्वासन दिया कि जल्द ही सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा। इसके साथ ही डोर-टू-डोर कचरा कलेक्शन को प्रभावी बनाने के लिए नई व्यवस्था लागू की जा रही है, जिसके तहत गीला और सूखा कचरा अलग-अलग देने पर 50% छूट मिलेगी, जबकि दोनों मिलाकर देने पर जुर्माना लगाया जाएगा।
मेयर सौरभ थपलियाल ने कहा कि नगर निगम पार्षदों की बातों को गंभीरता से ले रहा है और शहर की सुरक्षा, स्वच्छता और व्यवस्था को सुधारने के लिए ये निर्णय मील का पत्थर साबित होंगे। इन कदमों से देहरादून को स्वच्छ, सुरक्षित और अनुशासित शहर बनाने की दिशा में अहम बदलाव देखने को मिलेंगे।
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