August 28, 2025

हरिद्वार अस्पताल में यहां तड़पती रही बेटी और अस्पताल नें किए दरवाज़े बंद, “संवेदनहीनता की पराकाष्ठा”, CMO को दिए जांच के निर्देश- जिलाधिकारी

हरिद्वार अस्पताल में यहां तड़पती रही बेटी और अस्पताल नें किए दरवाज़े बंद, “संवेदनहीनता की पराकाष्ठा”, CMO को दिए जांच के निर्देश- जिलाधिकारी

हरिद्वार: धर्मानगर हरिद्वार के कनखल क्षेत्र में बुधवार की रात एक ऐसी घटना घटी, जिसने न केवल एक परिवार की उम्मीदें तोड़ीं, बल्कि पूरे समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि क्या हमारी व्यवस्था सच में मानवीय है?

एक नाबालिग लड़की ने आत्महत्या का प्रयास किया। परिजन तुरंत उसे बचाने की आस में पास ही स्थित रामकृष्ण मिशन अस्पताल लेकर पहुंचे। एम्बुलेंस में पड़ी बच्ची की सांसे डगमगा रही थीं। मां-बाप की आंखों में एक ही सवाल था — क्या बच जाएगी हमारी बेटी?

लेकिन अस्पताल के मुख्य द्वार पर उम्मीद की जगह बेरुखी खड़ी थी।

अस्पताल में तैनात महिला और पुरुष सुरक्षाकर्मियों ने एम्बुलेंस को “बाहरी” बताते हुए परिसर में प्रवेश नहीं करने दिया। परिजन बार-बार गुहार लगाते रहे, कहते रहे कि बच्ची की हालत गंभीर है, समय नहीं है… लेकिन अस्पताल का गेट नहीं खुला।

थक-हार कर परिजनों ने अपनी नाबालिग बेटी को खुद गोद में उठाया और अस्पताल के बाहर खड़ी एम्बुलेंस तक पहुंचे।
जिस वक़्त इलाज होना चाहिए था, उस वक़्त इलाज के दरवाज़े बंद थे।

घटना की जानकारी मिलने के बाद जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने मामले को “संवेदनहीनता की पराकाष्ठा” करार दिया और तत्काल जांच के आदेश जारी किए हैं।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) को निर्देशित किया गया है कि वे घटना की विस्तृत जांच कर तुरंत रिपोर्ट प्रस्तुत करें।

डीएम दीक्षित ने अपने बयान में कहा “यह घटना किसी भी दृष्टिकोण से स्वीकार्य नहीं है।

अस्पताल की प्राथमिक जिम्मेदारी है कि वह संकट की घड़ी में मरीज को प्राथमिकता दे, न कि प्रशासनिक औपचारिकताओं में उलझाए। ऐसे मामलों में कठोर कार्रवाई तय होनी चाहिए।”

 

कई सवाल खड़े कर गई कल की वह खौफनाक  रात

🔴क्या सिर्फ “बाहरी एम्बुलेंस” होने के कारण एक ज़िंदगी खतरे में पड़ जानी चाहिए?

🔴क्या संवेदनशीलता अब नियमों की कैद में बंध चुकी है?

🔴क्या हमारी स्वास्थ्य व्यवस्थाएं इंसान से ज़्यादा प्रक्रिया को प्राथमिकता देने लगी हैं?

🔴”यह घटना सिर्फ एक परिवार की त्रासदी नहीं है — यह पूरे समाज और प्रशासन व्यवस्था के लिए एक चेतावनी है”

प्रशासन द्वारा गठित जांच टीम अब अस्पताल प्रशासन, सुरक्षाकर्मियों और पूरे घटनाक्रम की जिम्मेदारी तय करेगी। जनता उम्मीद कर रही है कि दोषियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

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