September 15, 2025

उत्तराखंड में पर्यटको के लिए आना होगा महंगा,ग्रीन सेस को फास्टैग से जोड़ने के लिए सिस्टम तैयार,,,,,,

उत्तराखंड में पर्यटको के लिए आना होगा महंगा,ग्रीन सेस को फास्टैग से जोड़ने के लिए सिस्टम तैयार,,,,,,

देहरादून: दिल्ली-एनसीआर, UP से उत्तराखंड आना होगा महंगा, फास्टैग की तर्ज पर इतना लगेगा ग्रीन सेस केंद्र ने इसकी सहमति दे दी है। ग्रीन सेस को फास्टैग से जोड़ने के लिए सिस्टम तैयार किया जा रहा है। सरकार ने राज्य में बाहर से आने वाले निजी और कामर्शियल वाहनों पर हिमाचल की तर्ज पर टैक्स की तैयारी है।केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय ने फास्टैग के साथ ग्रीन सेस की कटौती के प्रस्ताव पर सहमति दे दी।

परिवहन सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी ने इसकी पुष्टि की। मंगलवार को परिवहन सचिव ने बताया कि ग्रीन सेस को फास्टैग से जोड़ने के लिए पिछले कुछ समय से केंद्र से पत्राचार जारी था।केंद्र ने इसकी सहमति दे दी है। ग्रीन सेस को फास्टैग से जोड़ने के लिए सिस्टम तैयार किया जा रहा है। सरकार ने राज्य में बाहर से आने वाले निजी और कामर्शियल वाहनों पर हिमाचल की तर्ज पर टैक्स लगाने का निर्णय किया है।

 

 

इसे ग्रीन सेस नाम दिया गया है और नौ फरवरी को इसे लागू करने की अधिसूचना भी जारी हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार सरकार फास्टैग से ग्रीन सेस कटौती के सिस्टम को सरकार चारधाम यात्रा सीजन शुरू होने से पहले पहले हर हाल में लागू करना चाहती है।

चारधाम यात्रा के दौरान लाखों निजी और कामर्शियल वाहन वाहन उत्तराखंड आते हैं। महज 20 से 80 रुपये तक ग्रीन सेस होने से यात्रियों पर इसका ज्यादा असर भी नहीं पड़ेगा, लेकिन राज्य के राजस्व के लिहाज से यह रकम कम नहीं है।

ग्रीन सेस को लागू करने के लिए तैयारियों भी जोरों पर की जा रहीं है। परिवहन अधिकारियों के अनुसार अकेले ग्रीन सेस ही राज्य को 40 करोड़ रुपये से अधिक की आमदनी होने की उम्मीद है।फास्टैग के साथ ग्रीन सेस कटौती को केंद्र की सहमति ग्रीन सेस को लेकर फास्टैग व्यवस्था ही उपयुक्त है। केंद्र सरकार के निर्देश पर राज्य से सभी चेकपोस्ट को समाप्त किया जा चुका है। फास्टैग सिस्टम तैयार किया जा रहा है।- अरविंद सिंह ह्यांकी, परिवहन सचिव।

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