उत्तराखंड नेपाल में हिंसा से दून में पसरा सन्नाटा, परिजनों की सलामती को लेकर दुआओं में जुटे लोग,,,
देहरादून: नेपाल में जारी हिंसक आंदोलन ने देहरादून में रह रहे नेपाल मूल के लोगों की चिंता को बढ़ा दिया है। राजधानी काठमांडू सहित कई इलाकों में बिगड़े हालातों की खबरें जैसे ही सामने आईं, दून में रह रहे नेपाली समुदाय में बेचैनी फैल गई। हर कोई अपने परिजनों से संपर्क करने की कोशिश में लगा है, लेकिन संचार व्यवस्था के प्रभावित होने से कई लोगों को अपनों की खबर तक नहीं मिल पा रही है।
दून के मोहब्बेवाला, क्लेमेंटटाउन, चंद्रबनी, सेवला कला और प्रेमनगर क्षेत्रों में बड़ी संख्या में नेपाल मूल के लोग बसे हुए हैं। इनमें से कई के परिजन अभी भी नेपाल में ही रहते हैं। जैसे ही हिंसा की खबरें आईं, लोगों ने परिजनों को फोन करना शुरू किया, लेकिन कई बार संपर्क नहीं हो पाने के कारण चिंता और बढ़ गई।
”भाई से बात हुई, लेकिन बाकी का कोई अता-पता नहीं”
मोहब्बेवाला निवासी सूर्य विक्रम शाही ने बताया कि उनके भाई नेपाल में हैं। उनसे तो सुबह-सुबह थोड़ी देर बात हो पाई, लेकिन बाकी परिवार से संपर्क नहीं हो सका। उन्होंने कहा, “फोन लग ही नहीं रहा। भाई ने बताया कि हालात बहुत खराब हैं। गाड़ियां नहीं चल रहीं, सड़कें बंद हैं।”
”परिवार की सलामती की दुआ कर रहे हैं”
उर्मिला तमांग की दोनों बहुएं नेपाल मूल की हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलन की खबरों से परिवार बेहद परेशान है। आंखों में आंसू हैं, लेकिन उम्मीद है कि सब ठीक होगा।
“हर बार फोन लगाते हैं कि कोई खबर मिले, लेकिन कभी बात होती है, कभी नहीं,” उन्होंने बताया।
”हर समय मोबाइल पर निगाहें”
सेवला कला निवासी सोना शाही का मायका नेपाल में है। उन्होंने कहा कि जब से आंदोलन की खबरें आई हैं, तब से चैन नहीं है। “हर वक्त मोबाइल हाथ में होता है, न्यूज देख रहे हैं, कॉल करने की कोशिश कर रहे हैं।”
नेपाली समुदाय कर रहा शांति की अपील
स्थानीय नेपाली समुदाय के लोगों ने नेपाल में शांति बनाए रखने की अपील की है। क्लेमेंटटाउन निवासी बबिता ने कहा, “कभी सोचा भी नहीं था कि नेपाल जैसे शांत देश में इस तरह की हिंसा होगी। यह समय संयम और एकता दिखाने का है।”
वहीं, वरिष्ठ नागरिक मिन प्रसाद गुरुंग ने कहा, “नेपाल की पहचान उसकी शांति और संस्कृति है। ऐसे आंदोलन उस छवि को नुकसान पहुंचाते हैं।”
नेपाल में बिगड़े हालातों ने सीमाओं को लांघते हुए देहरादून में बसे नेपाली समुदाय के लोगों को गहरी चिंता में डाल दिया है। ऐसे समय में इंसानियत और एकता सबसे बड़ा सहारा बनती है। सभी की यही प्रार्थना है कि नेपाल जल्द ही इस संकट से उबरे और दोबारा शांति की राह पर लौटे।
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