उत्तराखंड में भू-धंसाव से चठवां के घरों और रास्तों में पड़ी बड़ी दरारें, दहशत मे ग्रामीण, भूगर्भीय सर्वे रिपोर्ट का नही कुछ पता,,,,,,
देहरादून: टिहरी गढ़वाल के चठवां के 10 घरों पर दरारें पड़ गई हैं। वर्ष 2010 में भी गांव में भू-धंसाव होने से छह लोगों के घर खतरे की जद में आ गए थे।
थौलधार ब्लॉक के ग्राम पंचायत महेड़ा के चठवां गांव में भू-धंसाव की समस्या लगातार बढ़ रही है जिससे लोगों में दहशत है। चठवां गांव के रास्तों और घराें में दरारें पड़ रही हैं। ग्राम प्रधान श्यामा पंवार व कांग्रेस के ब्लॉक अध्यक्ष श्रीपाल सिंह पंवार ने बताया कि पिछले सप्ताह हुई बारिश के दौरान गांव के नीचे गडियारी तोक में भू-धंसाव हो रहा है।
गडियारी तोक में लगातार जमीन धंस रही है जिससे चठवां के 10 घरों पर दरारें पड़ गई हैं। इन दिनों धूप खिलने से गांव के रास्तों पर पड़ी दरारें और अधिक चौड़ी होती है। वर्ष 2010 में भी गांव में भू-धंसाव होने से छह लोगों के घर खतरे की जद में आ गए थे।
तब पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी की पहल पर गांव का भू-गर्भीय सर्वे भी हुआ था, लेकिन सर्वे रिपोर्ट की जानकारी गांव के लोगों को नहीं दी गई। उन्होंने जिला प्रशासन ने चठवां गांव का भू-वैज्ञानिकों से सर्वे कराने और आपदा से हुए नुकसान का मुआवजा देने की मांग की।
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