November 12, 2025

उत्तराखंड तीन दिनों में खुलेगा गंगोत्री मार्ग, यात्रा अभी बंद, लगातार मलबा आना प्रदेश सरकार के लिए बड़ी चुनौती,,,

उत्तराखंड तीन दिनों में खुलेगा गंगोत्री मार्ग, यात्रा अभी बंद, लगातार मलबा आना प्रदेश सरकार के लिए बड़ी चुनौती,,,

देहरादून: धराली आपदा के बाद से उत्तरकाशी-गंगोत्री हाईवे जगह-जगह मलबा आने और सड़कों के बहने से बंद है। सोनगाड़, हर्षिल और धराली सहित कुछ स्थानों पर मलबा आया है।

गंगोत्री तक अगले तीन दिन में रास्ता खुलेगा लेकिन यात्रा अभी बंद रहेगी। डबरानी, सोनगाड़, लोहारीनाग, हर्षिल और धराली में मलबा आने व भू-धंसाव से सड़क पिछले नौ दिन से बंद है। लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज पाण्डेय के मुताबिक सीमा सड़क संगठन के साथ मिलकर दिन रात बंद सड़कों को खोलने का प्रयास किया जा रहा है।

धराली में कैंप किए उत्तरकाशी के जिलाधिकारी प्रशांत आर्या का कहना है कि गंगोत्री तक रास्ता खोलने में तीन से चार दिन और लगेंगे। धराली आपदा के बाद से उत्तरकाशी-गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग जगह-जगह मलबा आने और सड़कों के बहने से बंद है। जिससे धराली में राहत एवं बचाव कार्य में खासी दिक्कतें आ रही हैं। नेताला में रास्ता खुला है लेकिन यहां लगातार मलबा आ रहा है। जबकि डबरानी, सोनगाड़, लोहारीनाग, हर्षिल और धराली में रास्ता बंद होने से आपदा प्रभावितों के लिए दैनिक उपयोग की जरूरी वस्तुएं हेलीकॉप्टर से पहुंचाई जा रही हैं।

जिलाधिकारी प्रशांत आर्या के मुताबिक सीमा सड़क संगठन की ओर से बताया गया है कि गंगोत्री तक अगले कुछ दिनों में वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी। सड़कों की खराब स्थिति को देखते हुए कुछ दिनों तक यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी।

खुले हैं तीनों धामों के रास्ते
लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज पाण्डेय बताते हैं कि बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग में पागलनाला के पास बार-बार मलबा गिर रहा है, लेकिन मलबे को हटा दिया गया है। इसके अलावा केदारनाथ और यमुनोत्री के रास्तों की भी यही स्थिति बनी है। गंगोत्री को छोड़कर अन्य तीनों धामों के रास्ते खुले हैं।

धराली आपदा : मलबे को हटाएंगे तो कहां ले जाएंगे
धराली में आपदा के बाद पिछले नौ दिन से लापता लोगों की तलाश जारी है। डॉग स्क्वाड, थर्मल कैमरा और जीपीएस से मलबे में दबे लोगों का पता लगाया जा रहा है। राहत और बचाव दल को अब तक इसमें बड़ी कामयाबी नहीं मिली। मलबे से अब तक मात्र एक शव मिला है। एसडीआरएफ के आईजी अरुण मोहन जोशी बताते हैं कि डॉग स्कवाड और अन्य अत्याधुनिक उपकरणों से जहां संभावना होती है वहां मलबे में दबे लोगों का पता लगाया जा रहा है। हर दिन बैठक करने के बाद तय करते हैं कि किस तरह से लापता की तलाश की जानी है। सड़कें बंद हैं, ऐसे में सारे मलबे को हटाया जाना भी संभव नहीं है।

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